ये तो पहले से ही साफ था कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन साउथ अफ्रीका से पार पाना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं होने वाला. मगर ये शायद ही किसी ने सोचा होगा कि साउथ अफ्रीकी टीम भारत आकर क्लीन स्वीप करने की दहलीज पर खड़ी होगी. कोलकाता टेस्ट में भारत को करारी शिकस्त देने के बाद साउथ अफ्रीका अब गुवाहाटी टेस्ट जीतने के भी करीब है. इस प्रदर्शन ने साउथ अफ्रीकी टीम और कोच के हौसले बुलंद कर दिए हैं. मगर उत्साह और आत्मविश्वास के बीच साउथ अफ्रीकी कोच शुकरी कोनराड के एक बयान या कहें एक शब्द ने बवाल खड़ा कर दिया है.
असल में गुवाहाटी टेस्ट मैच के चौथे दिन साउथ अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी 260 रन पर घोषित की और टीम इंडिया को 549 रन का लक्ष्य दिया. इस दौरान साउथ अफ्रीका ने चौथे दिन आधे से ज्यादा वक्त तक बैटिंग की. दिन के दूसरे सेशन तक ही साउथ अफ्रीका की बढ़त 480 रन से ज्यादा की हो गई थी, जिसे काफी माना जा रहा था. मगर हर किसी को चौंकाते हुए साउथ अफ्रीकी टीम ने आखिरी सेशन में भी कुछ देर बल्लेबाजी की और फिर जाकर पारी घोषित की.
फिर दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में साउथ अफ्रीकी कोच से जब इस फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो भारतीय टीम ज्यादा से ज्यादा थकाना चाहते थे. मगर इस दौरान उन्होंने एक ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया, जिसने बवाल खड़ा कर दिया. कोनराड ने कहा- “एक वाक्य चुरा रहा हूं, हम चाहते थे कि वो अपने घुटनों पर आ जाए (We Wanted them to really grovel, to steal a phrase). हम उन्हें मैच से पूरी तरह बाहर करना चाहते थे.”
वैसे तो ये बहुत ही सामान्य बयान लगता है लेकिन शुकरी कोनराड ने इसमें जिस ‘To Grovel’ (ग्रोवेल) शब्द का इस्तेमाल किया, उस पर आपत्ति जताई जा रही है. असल में उनके इस शब्द ने इंग्लैंड के पूर्व ऑलराउंडर टोनी ग्रेग के विवादित बयान की यादें ताजा कर दीं, जिसने 1976 में बड़ा बवाल खड़ा कर दिया था. इंग्लैंड टीम के वेस्टइंडीज दौरे पर ग्रेग ने कैरेबियन देश के इतिहास और वहां की अश्वेत आबादी पर तंज कसते हुए कहा था- ‘We Want them to grovel’.
इस पर तब बहुत बवाल मचा था क्योंकि ग्रोवेल शब्द का अर्थ है- जमीन पर मुंह के बल लेटकर रेंगना. टोनी ग्रेग का ये बयान उस वक्त आया था, जब साउथ अफ्रीका को रंगभेद के कारण दुनियाभर में बहिष्कार झेलना पड़ा था. ग्रेग साउथ अफ्रीकी मूल के गोरे खिलाड़ी थे, जो इंग्लैंड के लिए खेल रहे थे. इस शब्द के इस्तेमाल से वो अश्वेत लोगों के खिलाफ अपनी घृणा दिखा रहे थे, जिन्हें लंबे समय तक गुलामी के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
टोनी ग्रेग के उस बयान की हर जगह निंदा हुई थी लेकिन इसने वेस्टइंडीज की पूरी टीम में आग भर दी थी. इसका असर सीरीज पर भी दिखा था, जहां ग्रेग को वेस्टइंडीज के हर मैदान पर दर्शकों से जबरदस्त स्लेजिंग का सामना करना पड़ा था. वहीं विंडीज टीम ने इंग्लैंड का 3-0 से सूपड़ा साफ कर दिया था. जहां तक भारत-साउथ अफ्रीका टेस्ट की बात है तो टीम इंडिया फिलहाल तो वेस्टइंडीज जैसा कुछ कमाल करने की स्थित में नजर नहीं आ रही लेकिन क्या साउथ अफ्रीकी कोच के खिलाफ उनका बोर्ड कोई एक्शन लेगा या BCCI अपनी शिकायत दर्ज कराएगी, ये देखना बाकी है.