Bilal Fawaz Win: वो खिलाड़ी जिसे कभी मां का प्यार नहीं मिला, वो खिलाड़ी जिसे अपने ही पिता से धोखा मिला, वो खिलाड़ी जिसपर एक नहीं, दो नहीं बल्कि 25 बार चाकू से हमला किया गया. वो खिलाड़ी जिसे पैरों पर गोली मारी गई अब उसी खिलाड़ी ने इतिहास रच दिया है. बात हो रही है मुक्केबाज बिलाल फवाज़ की, जिन्होंने इंग्लैंड के शैफील्ड में जुनैद बॉस्टन को हराकर इंग्लिश जूनियर मिडिलवेट चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया है. बिलाल ने रोमांचक मुकाबले में 96-95, 96-95 और 95-95 से जुनैद को हराया.
बिलाल फवाज़ की दर्दनाक कहानी
बिलाल फवाज़ का जन्म नाईजीरिया में हुआ था लेकिन ये देश भी उन्हें अपना नागरिक नहीं मानता. इसकी वजह ये है कि उनका नाम नाइजीरिया में कहीं रजिस्टर्ड ही नहीं है. फवाज़ लेबनीत और बेनिन मूल के हैं और महज 14 साल की उम्र में उन्हें गैरकानूनी तरीके से इंग्लैंड भेजा गया. फवाज ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके माता-पिता उनके साथ मारपीट करते थे. उन्होंने कहा, ‘जब मैं नाइजीरिया में बच्चा था तो मेरी मां ने मुझे कई बार इतना पीटा कि मेरे शरीर से खून बहने लगा.मेरी मां कम उम्र में ही मां बन गई थी इसलिए उन्हें भावनात्मक समस्याएं थी. मेरे पिता लेबनान के हैं और वो बिजनेसमैन हैं और उन्होंने मेरे साथ कभी समय नहीं बिताया. उन्होंने मुझे इंग्लैंड भेजा जहां मुझे एक बंधक की तरह रखा गया. मैं गुलाम जैसा महसूस करता था क्योंकि मैं स्कूल नहीं जा सकता था, दुकानों पर नहीं जा सकता था. मुझे चप्पलों से पीटा जाता था, घर के काम कराए जाते थे. मैं किसी तरह बच निकला लेकिन बेघर होने के कारण मुझे सड़क पर रात काटनी पड़ी.’
25 बार मारे गए चाकू
बिलाल ने बताया कि जब वो 17 साल के थे तो उन्हें कई बार चाकू से मारा गया. उनपर चाकू से 25 हमले हुए और पैर में गोली मारी गई. लेकिन उन्हें पश्चिमी लंदन के हैरो रोड के ऑल स्टार्स जिम में कोच स्टीव पामर ने शरण दी. फवाज़ ने बताया कि वो जिम में टॉयलेट साफ करते थे और साथ में ट्रेनिंग भी देते थे. इसके बदले में उन्हें पैसा, खाना और रहने को घर मिला. फवाज को इससे बड़ी लड़ाई बॉक्सिंग रिंग के बाहर लड़नी पड़ी. उन्हें कई बार ब्रिटिश नागरिक नहीं होने की वजह से जेल तक जाना पड़ा लेकिन 2020 में उन्हें ब्रिटेन में रहने का अधिकार बन गया. इन सब दिक्कतों के बावजूद ये खिलाड़ी 90 में से 80 मैच जीते और अब वो चैंपियन भी बन गए हैं.