बांग्लादेश में हाल ही में हुए राजनीतिक उठापटक का असर अब सीधे तौर पर क्रिकेट पर भी देखने को मिल रहा है. लंबे समय तक टीम का चेहरा रहे और दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर्स में शुमार शाकिब अल हसन (Shakib Al Hasan) का करियर अचानक पटरी से उतर गया है.
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के करीबी और अवामी लीग के सांसद रहे शाकिब को सत्ता परिवर्तन के बाद गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा. बांग्लादेश के स्पोर्ट्स सलाहकार आसिफ महमूद (Asif Mehmood) ने उन्हें देश की टीम के लिए हमेशा के लिए बैन करने का ऐलान कर दिया है. इस फैसले ने बांग्लादेश क्रिकेट को गहरे संकट में डाल दिया है. (Shakib Al Hasan Ban From Bangladesh Cricket).
सत्ता परिवर्तन और क्रिकेट पर असर
बांग्लादेश में सत्ता बदलते ही राजनीतिक हलचल का सीधा असर खेलों पर भी पड़ा. शेख हसीना सरकार से जुड़े जितने भी लोग क्रिकेट बोर्ड में थे, उन्हें हटा दिया गया. इस राजनीतिक झटके का सबसे बड़ा शिकार बने दिग्गज ऑलराउंडर शाकिब अल हसन. शाकिब न केवल अवामी लीग के सांसद रहे, बल्कि शेख हसीना के बेहद करीबी भी थे. ऐसे में नए शासन ने उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और उन पर गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया. इसके चलते शाकिब को देश छोड़ना पड़ा और अब उनके बांग्लादेश लौटने की संभावनाएं भी बेहद धूमिल हो गई हैं.
सोशल मीडिया पोस्ट पर विवाद
शाकिब के बैन होने के पीछे की असली वजह उनका एक इंस्टाग्राम पोस्ट माना जा रहा है. दरअसल उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थीं. इस पोस्ट के बाद खेल सलाहकार आसिफ महमूद ने उन्हें कठोर संदेश देते हुए कहा कि अब शाकिब कभी बांग्लादेशी जर्सी में नजर नहीं आएंगे. टीवी चैनल पर दिए बयान में उन्होंने साफ कहा हम उन्हें दोबारा बांग्लादेशी झंडा नहीं उठाने देंगे. मेरे लिए यह संभव नहीं है कि मैं उन्हें दोबारा टीम में खेलने दूं. इस बयान से स्पष्ट हो गया कि शाकिब के लिए क्रिकेट का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो चुका है.
शानदार करियर पर लगा ब्रेक
शाकिब अल हसन का अंतर्राष्ट्रीय करियर बेहद शानदार रहा है. उन्होंने साल 2006 में बांग्लादेश के लिए डेब्यू किया और लगभग दो दशकों तक टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी बने रहे. शाकिब ने 71 टेस्ट मैचों में 4609 रन बनाए और 246 विकेट झटके. वनडे में उनके नाम 7570 रन और 317 विकेट दर्ज हैं. वहीं टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने 2551 रन बनाए और 129 विकेट लिए. बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने बांग्लादेश को वर्ल्ड क्रिकेट में पहचान दिलाई. यही नहीं, शाकिब आईपीएल और दुनिया की कई टी20 लीग्स में भी चमकते सितारे रहे.
बांग्लादेश क्रिकेट को लगा झटका
शाकिब के बैन होने के बाद बांग्लादेश क्रिकेट में गहरी खाई पैदा हो गई है. लंबे समय से टीम की रीढ़ माने जाने वाले शाकिब के बिना बांग्लादेश का भविष्य बेहद अनिश्चित दिख रहा है. खासकर तब, जब टीम पहले ही निरंतरता और अनुभव की कमी से जूझ रही है. शाकिब न केवल रन बनाने और विकेट लेने में माहिर थे, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का बड़ा स्रोत भी थे. उनका बाहर होना बांग्लादेश क्रिकेट को मानसिक और तकनीकी, दोनों स्तर पर कमजोर कर सकता है.
राजनीति बनाम खेल
शाकिब का बैन केवल एक खिलाड़ी का करियर खत्म होने भर की बात नहीं है, बल्कि यह खेल और राजनीति के टकराव का बड़ा उदाहरण है. खेल विशेषज्ञ मानते हैं कि क्रिकेट जैसे खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए, लेकिन बांग्लादेश में हालात उल्टे हैं. सत्ता परिवर्तन के बाद खिलाड़ी भी सियासी लड़ाई के मोहरे बन गए हैं. शाकिब का बैन इस बात की ओर इशारा करता है कि अगर राजनीतिक समीकरण न बदले तो देश के खेलों का भविष्य भी अंधेरे में जा सकता है.