भारत ने साउथ अफ्रीका को 3 मैचों की वनडे सीरीज के पहले मैच में 17 रनों से हरा दिया, लेकिन जीत के इस जश्न में गेंदबाजी विभाग ने एक ऐसा शर्मनाक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया जो वनडे क्रिकेट के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था. टीम इंडिया ने इस मैच में साउथ अफ्रीका के सामने जीत के लिए 350 रनों का टारगेट मिला दिया था, इसके बावजूद भारतीय टीम एक छोटे से अंतर के साथ ही इस मैच को अपने नाम कर सकी, जिसने टीम मैनेजमेंट सामने एक बड़ी टेंशन खड़ी कर दी.
भारतीय गेंदबाजों का शर्मनाक रिकॉर्ड
350 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका की शुरुआत काफी खराब रही, टीम ने शुरुआती 3 विकेट 11 रन पर ही गंवा दिए. अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा ने धमाकेदार शुरुआत करने में कामयाब रहे. पावरप्ले में हर्षित राणा ने 2 विकेट और अर्शदीप सिंह ने 1 विकेट अपने नाम किए. लेकिन इसके बाद साथ अफ्रीकी टीम की ओर से शानदार टक्कर देखने को मिली और उसने 49.2 ओवर बल्लेबाजी करते हुए 332 रन ठोक दिए, यानी वह जीत के काफी करीब पहुंच गई थी, लेकिन अंत में वह ऑलआउट हो गई.
इसी के साथ भारत पहली टीम बन गई है जिसने 300+ रनों के टारगेट बचाते हुए शुरुआती तीन विकेट 15 रन से कम पर लिए, फिर भी सामने वाली टीम 300 का आंकड़ा पार करने में कामयाब रही. इससे पहले वनडे क्रिकेट के इतिहास में ऐसी घटना कभी नहीं घटी थी. एक समय लग रहा था कि साउथ अफ्रीका की टीम 200 रन तक भी नहीं पहुंच पाएगी. लेकिन भारतीय गेंदबाज अच्छी शुरुआत का फायदा उठाने में नाकाम रहे.
गेंदबाजों ने जमकर खर्च किए रन
इस मैच में हर एक भारतीय गेंदबाज की इकॉनमी 6 से ज्यादा की रही. अर्शदीप सिंह ने 10 ओवर में 64 रन खर्च किए और 2 विकेट चटकाए. हर्षित राणा ने भी 3 सफलता हासिल करने के लिए 65 रन लुटा दिए. प्रसिद्ध कृष्णा ने भी 7.2 ओवर में 48 रन दिए और 1 विकेट चटकाया. दूसरी ओर कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 68 रन जरूर दिए, लेकिन वह 4 सफलता हासिल करने में कामयाब रहे. इनके अलावा रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर को तो कोई सफलता ही नहीं मिली.
इस मैच में तो टारगेट बड़ा था, लेकिन छोटे टारगेट का बचाव करते हुए ऐसी गेंदबाजी टीम इंडिया को भारी पड़ सकती है. तेज गेंदबाजी यूनिट में अनुभव की कमी भी नजर आई. अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा ने फिलहाल ज्यादा वनडे मैच खेले नहीं हैं, दूसरी ओर प्रसिद्ध कृष्णा भी लगातार टीम का हिस्सा नहीं होते हैं. वहीं, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे सीनियर गेंदबाज टीम का हिस्सा नहीं है. कहीं ना कहीं टीम को इस गेंदबाजों की कमी जरूर खली है और आने वाले मैच इन गेंदबाजों के लिए काफी अहम साबित हो सकते हैं.