साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज हारने के बाद भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर की चारों ओर आलोचना हो रही है. कई पूर्व खिलाड़ियों ने उनकी सोच और फिर लगातार दो क्लीन स्वीप की हार पर सवाल खड़े कर दिए. कुछ का तो मानना है कि टेस्ट फॉर्मेट के लिए अलग कोच होना चाहिए. हालांकि पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कुछ और ही मानना है. गावस्कर ने कहा कि टीम इंडिया की हार में सिर्फ गौतम गंभीर की गलती नहीं है. खिलाड़ियों ने भी मैदान पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है.
गावस्कर ने किया गंभीर का बचाव
गौतम गंभीर का बचाव करते हुए गावस्कर ने इंडिया टुडे को कहा, ‘गौतम गंभीर कोच हैं, कोच टीम तैयार कर सकता है, अपने अनुभव से सलाह दे सकता है लेकिन बीच मैदान में तो खिलाड़ी ही प्रदर्शन करेंगे. गंभीर ही वो कोच हैं जिनके नेतृत्व में भारत चैंपियंस ट्रॉफी जीता, एशिया कप जीता. अब घरेलू सीरीज हारने पर सब उनके खून के प्यासे हो गए. जो लोग जवाबदेही मांग रहे हैं उनसे मेरा सवाल है कि चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर आपने क्या किया, एशिया कप जीतने पर क्या किया. क्या तब किसी ने कहा कि गंभीर के कॉन्ट्रैक्ट को लाइफ टाइम कर दिया जाए. टीम हारी तो तो कोच को दोष दे रहे हो.‘
अश्विन भी बचाव में आए
गावस्कर ने न्यूजीलैंड के ब्रेंडन मैकुलम का उदाहरण दिया. वो इंग्लैंड के तीनों फॉर्मेट के कोच हैं. कई देशों में एक ही कोच सभी फॉर्मेट संभालते हैं. गावस्कर ने कहा कि हम सिर्फ हार पर उंगली खड़े करते हैं, जीत पर कोई क्रेडिट नहीं देता. गावस्कर ने कहा कि 22 गज पर टीम के खराब खेल का दोष कोच पर नहीं डालना चाहिए. पूर्व ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने भी गंभीर का बचाव किया. उन्होंने कहा कि गंभीर को हटाने की मांग ही गलत है. खिलाड़ियों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है.