Vijay Hazare Trophy: विराट-रोहित ने ठोके शतक तो भड़क उठे फैंस, BCCI को जमकर लताड़ा, इस वजह से मचा बवाल

Rohit sharma-Virat kohli In Vijay Hazare Trophy: भारतीय घरेलू क्रिकेट का सबसे बड़ा वनडे टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 का आगाज 24 दिसंबर को हुआ. इस सीजन की सबसे बड़ी खासियत रही टीम इंडिया के दो दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली की लंबे समय के बाद टूर्नामेंट वापसी. दोनों स्टार खिलाड़ियों ने अपनी-अपनी राज्य टीमों मुंबई और दिल्ली के लिए पहले राउंड में शानदार प्रदर्शन किया. रोहित ने सिक्किम के खिलाफ ताबड़तोड़ 155 रनों की पारी खेली, दूसरी ओर विराट ने आंध्र प्रदेश के खिलाफ शतक जड़कर फॉर्म में होने का संदेश दिया. इन पारियों से उनकी टीमों को मजबूत शुरुआत मिली, जिसके चसते उन्होंने आसानी से जीत दर्ज कर ली.

बीसीसीआई पर क्यों भड़के फैंस

हालांकि, मैदान पर खिलाड़ियों का जलवा जहां फैंस के लिए खुशी की बात थी, वहीं बीसीसीआई की व्यवस्था ने उन्हें आगबबूला भी कर दिया. रोहित और विराट के मैचों का न तो लाइव टेलीकास्ट हुआ और न ही ऑनलाइन स्ट्रीमिंग उपलब्ध कराई गई. टूर्नामेंट के पहले राउंड में केवल चुनिंदा मुकाबले ही प्रसारित किए गए, जबकि स्टार खिलाड़ियों वाले मैचों को नजरअंदाज कर दिया गया. इसके अलावा, विराट का मैच बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में बंद दरवाजों के पीछे खेला गया, जहां फैंस को एंट्री तक नहीं मिली. जयपुर में रोहित के मैच में तो हजारों फैंस स्टेडियम पहुंचे और उनका जोश देखते ही बनता था, लेकिन दूर बैठे करोड़ों फैंस सिर्फ स्कोर अपडेट्स पर निर्भर रहे.

इस व्यवस्था से सोशल मीडिया पर फैंस का गुस्सा फूट पड़ा. कई लोगों ने बीसीसीआई को दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड होने के बावजूद ऐसी लापरवाही के लिए आलोचना की. फैंस का कहना है कि जब इंटरनेशनल स्टार्स घरेलू क्रिकेट में उतर रहे हैं, तो उनके मैचों को प्रसारित करना बोर्ड की जिम्मेदारी है. यह मौका क्रिकेट को बढ़ावा देने और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने का था, लेकिन सीमित कवरेज ने इसे कमजोर कर दिया.

विजय हजारे ट्रॉफी में क्यों उतरे रोहित-विराट?

रोहित और विराट का इस टूर्नामेंट में खेलना बीसीसीआई के उस फैसले का नतीजा है, जिसमें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट खिलाड़ियों को घरेलू मैच खेलना अनिवार्य किया गया हैय दोनों खिलाड़ी इंटरनेशन क्रिकेट में केवल वनडे फॉर्मेट पर फोकस कर रहे हैं, ऐसे में यह टूर्नामेंट उनके लिए मैच प्रैक्टिस का बेहतरीन मौका थाय रोहित ने जयपुर में मुंबई की ओर से खेलते हुए आक्रामक अंदाज दिखाया, तो विराट ने बेंगलुरु में दिल्ली के लिए संयम और आक्रमकता का संतुलन बनाया. इन पारियों ने साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है और दोनों अभी भी बल्लेबाजी के शिखर पर हैं.