Smriti Mandhana Father: कौन हैं स्मृति मंधाना के पिता श्रीनिवास मंधाना, चलाते हैं ये खास कैफे

टीम इंडिया की स्टार क्रिकेटर स्मृति मंधाना की शादी टल गई है. शादी से ठीक पहले उनके पिता श्रीनिवास मंधाना की तबीयत खराब हो गई, जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. मंधाना के पिता की तबीयत फिलहाल ठीक बताई जा रही है. बता दें मंधाना के पिता का अपनी बेटी का करियर बनाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है. अपनी नाकामी को उन्होंने ताकत बनाया और बेटी स्मृति को इंटरनेशनल क्रिकेटर बनाकर ही दम लिया. आइए आपको बताते हैं कि श्रीनिवास मंधाना कौन हैं और उन्होंने बेटी का करियर बनाने के लिए क्या-क्या किया.

श्रीनिवास मंधाना थे क्रिकेटर

श्रीनिवास मंधाना भी एक क्रिकेटर रह चुके हैं. वो सांगली के लिए क्रिकेट खेले हैं. श्रीनिवास मंधाना को घर वालों से समर्थन नहीं मिला जिसकी वजह से वो क्रिकेट में आगे नहीं जा पाए जिसके बाद उन्होंने केमिकल डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर करियर बनाया. हालांकि जब वो श्रवण और स्मृति के पिता बने तो उन्होंने अपने बच्चों के जरिए अपना सपना पूरा करने की कोशिश की. श्रवण मंधाना को उन्होंने जमकर ट्रेनिंग दी और वो महाराष्ट्र अंडर 16 टूर्नामेंट भी खेले. अपने बड़े भाई को क्रिकेट खेलते देख स्मृति मंधाना को भी क्रिकेट में दिलचस्पी पैदा हुई. स्मृति उस वक्त सिर्फ 9 साल की थीं और उन्होंने अपनी बेटी को लेफ्ट हैंडेड बल्लेबाज बनाया. अपनी बेटी के कई शॉट्स उन्होंने खुद सुधारे. श्रीनिवास मंधाना बेटी स्मृति को प्रैक्टिस पर ले जाते थे, उन्हें नेट्स पर बॉलिंग करते थे. उनकी यात्राओं का खर्च उठाते थे. मंधाना की मां ने उनकी डाइट को संभाला. नतीजा मंधाना एक अगले स्तर की क्रिकेटर बन पाईं.

मंधाना को पढ़ाई से ज्यादा क्रिकेट पर फोकस कराया

स्मृति मंधाना की पढ़ाई और क्रिकेट दोनों को उनके पिता ने ढंग से संभाला.15 साल की उम्र में जब स्मृति को साइंस स्ट्रीम चुननी थी, तो श्रीनिवास और परिवार ने क्रिकेट को प्राथमिकता दी, क्योंकि वे जानते थे कि पढ़ाई और क्रिकेट का बैलेंस मुश्किल होगा. इस फैसले ने स्मृति को 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल डेब्यू करने का मौका दिया. 5 अप्रैल, 2013 के दिन मंधाना ने पहली बार इंडिया के लिए टी20 मैच खेला और इस तरह उनके पिता का सपना पूरा हुआ. अब स्मृति के पिता सांगली में मंधाना के नाम से SM18 कैफे चलाते हैं जहां से वो युवा जेनरेशन को बड़ा क्रिकेटर बनने के लिए प्रेरित करते हैं.