टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में तीसरे ही दिन में अपने हथियार डाल दिए, जहां भारतीय टीम को 30 रनों से हार का सामना करना पड़ा. टीम इंडिया आखिरी पारी में 124 रनों का टारगेट हासिल करने में नाकाम रही. वहीं, पहली पारी में वह भी 189 रनों पर ढेर हो गई थी. साउथ अफ्रीका की ऐतिहासिक जीत के हीरो साइमन हार्मर रहे. साइमन हार्मर ने इस मैच में काफी कमाल की गेंदबाजी की और कुल 8 विकेट अपने नाम किए.
हार्मर के आगे भारतीय बल्लेबाजों का सरेंडर
साइमन हार्मर इस मुकाबले के सबसे कामयाब गेंदबाज रहे. उन्होंने दोनों ही पारियों में 4-4 विकेट लिए. इस दौरान भारतीय बल्लेबाज स्पिनरों की मददगार कोलकाता की पिच पर साइमन हार्मर के सामने संघर्ष करते हुए हुए आए. हार्मर ने पहली पारी में 15.2 ओवर में सिर्फ 30 रन दिए और वॉशिंगटन सुंदर, अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा और ध्रुव जुरेल को अपना शिकार बनाया. वहीं, दूसरी पारी में उन्होंने 14 ओवर फेंके, इस दौरान 20 रन देकर ध्रुव जुरेल, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव को पवेलियन का रास्ता दिखाया.
बता दें, साइमन हार्मर लगभग 10 साल के बाद भारत में टेस्ट मैच खेलने उतरे और उनके लिए ये पल काफी यादगार रहा. पिछली बार साल 2015 में भारत का दौरा उनके लिए एक बुरा सपना साबित हुआ था. दरअसल, 2015 में भारत दौरे के बाद साइमन हार्मर को साउथ अफ्रीका की टीम से बाहर कर दिया था. इसके बाद वह लगभग 7 साल तक टीम में वापसी नहीं कर सके थे. इस दौरान उन्होंने खुद पर काफी काम किया और एक बड़ा मैच विनर बनकर वापसी की. जिसमें मुंबई के एमसीए सचिन तेंदुलकर जिमखाना का अहम योगदान रहा.
सचिन तेंदुलकर जिमखाना में बिताए वो 10 दिन
दरअसल, 2015 में इंटरनेशनल टीम से ड्रोप होने के बाद साइमन हार्मर ने एक बड़ा फैसला किया था. वह साउथ अफ्रीका से भारत आ गए थे और एमसीए सचिन तेंदुलकर जिमखाना में लगभग दस दिन बिताए थे. इस दौरान उन्होंने उमेश पटवाल के साथ अपनी गेंदबाजी पर काम किया, जिन्हें वह अपना गुरु भी मानते हैं. साइमन की उमेश से पहली मुलाकात भारत में क्रिकेट साउथ अफ्रीका के एक स्पिन कैंप के दौरान हुई थी. उस समय उमेश पटवाल ग्लोबल क्रिकेट स्कूल में क्रिकेट निदेशक थे. सीएसए ने ग्लोबल क्रिकेट स्कूल के साथ मिलकर स्पिन कैंप आयोजित किए थे.
उमेश पटवाल ने बदला गेंदबाजी का तरीका
इन 10 दिनों में उमेश ने साइमन की दुनिया उलट-पुलट कर दी. उमेश ने साइमन को सबसे पहले गेंद को सही तरीके से पकड़ना सिखाया. इससे पहले तक उन्होंने गेंद पकड़ते समय कभी अपने अंगूठे का इस्तेमाल नहीं किया था. उमेश चाहते थे कि वह अपने अंगूठे का इस्तेमाल करें. अपने पूरे करियर के दौरान, साइमन इस धारणा के साथ काम करते रहे थे कि अगर उन्हें स्पिन करानी है या गेंद पर ज्यादा रेव्स चाहिए, तो उन्हें गेंद को ज़्यादा कसकर पकड़ना होगा. गेंद को पकड़ने और छोड़ने के तरीके के बारे में जागरूकता में बदलाव करने के अलावा, रन-अप पर भी काम किया, जो साइमन के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ.
2017 में छोड़ा साउथ अफ्रीका
साइमन हार्मर ने अपनी गेंदबाजी पर काम करने के बाद एक और बड़ा फैसला लिया था. उन्होंने साल 2017 में इंग्लैंड में कोलपाक डील साइन की थी. कोलपाक डील साइन करने का मतलब एक खिलाड़ी की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट को छोड़कर किसी यूरोपीय काउंटी (जैसे कि इंग्लैंड की काउंटी) के साथ करार करना है, ताकि वह विदेशी खिलाड़ी के रूप में न गिना जाए और उसे विदेशी खिलाड़ी के स्लॉट की आवश्यकता न हो. हालांकि, साल 2022 में उन्होंने एक बार फिर साउथ अफ्रीका की नेशनल टीम में वापसी की. हाल ही में वह पाकिस्तान दौरे पर भी टीम का हिस्सा था, जहां उन्होंने कमाल का खेल दिखाया था.
साइमन हार्मर साउथ अफ्रीका के लिए अभी तक 13 मैच खेल चुके हैं. इस दौरान उन्होंने 23.38 के औसत से 60 विकेट चटकाए हैं. वहीं, भारत के खिलाफ वह 3 टेस्ट मैचों में ही 18 विकेट ले चुके हैं, जो किसी भी साउथ अफ्रीकी स्पिनर गेंदबाज की ओर से भारत के खिलाफ शुरुआती 3 मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड है.