Shefali Verma: वो खिलाड़ी जिसे महिला वर्ल्ड कप के लायक नहीं समझा गया, वो खिलाड़ी जिसने 3 सालों से वनडे में अर्धशतक नहीं लगाया था, अब उसी खिलाड़ी ने भारत को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया है. बात हो रही है शेफाली वर्मा की जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मैच में बल्ले और गेंद से कमाल दिखाते हुए प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड हासिल किया. बड़ी बात ये है कि शेफाली वर्मा को सेमीफाइनल से ठीक पहले टीम इंडिया में जगह मिली थी. ओपनर प्रतिका रावल को चोट लगने की वजह से शेफाली ने टीम में एंट्री की और आते ही उन्होंने कहा-मुझे ऐसा लगता है कि भगवान ने मुझे कुछ करने के लिए भेजा है. ये बात उन्होंने फाइनल में बिल्कुल सही साबित कर दिखाई.
शेफाली वर्मा का फाइनल में रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन
शेफाली वर्मा ने फाइनल मैच में ऐसी बैटिंग की जिसकी शायद उनसे उम्मीद भी नहीं रही होगी. इस बल्लेबाज ने पहली गेंद से साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों पर धावा बोला. मंधाना के साथ मिलकर उन्होंने सिर्फ 39 गेंदों में 50 रन स्कोरबोर्ड पर लगा दिए. दोनों ने 17.2 ओवर में शतकीय साझेदारी भी कर ली लेकिन इसके बाद जब मंधाना आउट हुईं तो टीम पर थोड़ा दबाव आया लेकिन शेफाली रुकी नहीं और उन्होंने 49 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया. शेफाली ने पूरे तीन साल बाद वनडे क्रिकेट में अर्धशतक जड़ा. हालांकि शेफाली जब शतक के बेहद करीब थी, उन्होंने अपना विकेट गंवा दिया. शेफाली ने 78 गेंदों में 87 रन बनाए.
शेफाली ने गेंद से दिखाया कमाल
शेफाली ने बल्ले से तो कमाल दिखाया ही लेकिन इसके बाद उन्होंने गेंदबाजी में अपना दम दिखाया. टीम इंडिया को जब विकेटों की सख्त जरूरत थी तो इस खिलाड़ी ने अपने पहले दो ओवर में सुने लीस और मारिजान काप को आउट कर साउथ अफ्रीका को करारा झटका दिया. शेफाली की इस चमत्कारिक परफॉर्मेस ने उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड भी दिलाया. बता दें वो वर्ल्ड कप फाइनल में ये अवॉर्ड जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी हैं. शेफाली ने 21 साल, 278 दिन की उम्र में ये कमाल किया है.