Sheetal Devi: शीतल देवी के जज्बे को सलाम, बिना हाथ के लगाया अर्जुन सा निशाना, बनीं वर्ल्ड चैंपियन

साउथ कोरिया के ग्वांगजू में वर्ल्ड पैरा आर्चरी चैंपियनशिप 2025 ने शनिवार को एक नया इतिहास रचा गया, जब भारत की 18 साल की शीतल देवी ने महिलाओं के कंपाउंड इंडिविजुअल कॉम्पिटिशन में गोल्ड मेडल जीतकर सभी को हैरान कर दिया. तुर्की की वर्ल्ड नंबर खिलाड़ी ओजनूर क्यूर गिर्डी को 146-143 के करीबी मुकाबले में हराकर शीतल ने न केवल भारत का मान बढ़ाया, बल्कि बिना बाजू के तीर चलाने वाली पहली महिला आर्चर के रूप में वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव भी हासिल किया.

शीतल देवी बनीं वर्ल्ड चैंपियन

इस मैच में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली, जो 2023 के फाइनल का बदला लेने जैसा था, जहां गिर्डी ने शीतल को 140-138 से हराया था. इस बार शीतल ने संयम और सटीकता से बाजी मार ली. पहला सेट 29-29 से बराबर रहा, लेकिन दूसरे सेट में शीतल ने तीन परफेक्ट 10 के शॉट्स के साथ 30-27 की बढ़त हासिल की. तीसरा सेट फिर बराबरी पर खत्म हुआ, जबकि चौथे सेट में शीतल 28 अंकों पर रुक गईं और गिर्डी ने एक अंक की बढ़त ली. फिर भी, शीतल ने 116-114 के स्कोर पर दो अंकों की लीड बरकरार रखी. आखिरी सेट में तीन सटीक निशानों से 30 अंक जुटाकर उन्होंने गोल्ड मेडल पक्का कर लिया.

सरिता के साथ जीता सिल्वर मेडल

इससे पहले सेमीफाइनल में शीतल ने ब्रिटेन की जोडी ग्रिनहम को 145-140 से आसानी से पछाड़ा था. शीतल की सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं रही. कंपाउंड महिला ओपन टीम कॉम्पिटिशन में उन्होंने सरिता के साथ मिलकर सिल्वर मेडल जीता. फाइनल में तुर्की की जोड़ी गिर्डी और बुर्सा फातमा उन के खिलाफ भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत की. पहले सेट में चार तीरों से तीन 10 अंक जुटाकर 38-37 की बढ़त बनाई, जबकि तुर्की ने सिर्फ एक 10 ही सका. दूसरे सेट में तुर्की ने तीन 10 और एक 9 से 39 अंक बनाकर स्कोर 76-76 कर दिया.

तीसरे सेट में दबाव का असर दिखा, जहां शीतल-सरिता ने एक 10, दो 9 और एक 8 से 36 अंक ही जुटाए. तुर्की ने एक 10 और तीन 9 से एक अंक की बढ़त ले ली. आखिरी सेट में तुर्की ने 39 अंक बनाए, जबकि भारत 36 पर रुक गया. जिसके चलते 152-148 से हारकर भारत को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा.