भारतीय घरेलू क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट, रणजी ट्रॉफी, शुरू हो चुका है और पहले दौर के मुकाबलों से ही हमेशा की तरह कुछ न कुछ ड्रामा देखने को मिल रहा है. जहां झारखंड ने तमिलनाडु जैसी बेहद मजबूत और कई बार की चैंपियन तमिलनाडु को पारी के अंतर से रौंद दिया तो वहीं असम ने गुजरात को ड्रॉ के लिए मजबूर कर दिया. ऐसा ही एक नाटकीय नतीजा देखने को मिला महाराष्ट्र और केरल के मैच में, जहां एक टीम ने सिर्फ 18 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे, मगर इसके बाद भी उसे हार का सामना नहीं करना पड़ा और मैच ड्रॉ हो गया.
आखिरी दिन ड्रॉ हुआ मैच
तिरुवनंतपुरम में खेला गया केरल और महाराष्ट्र का ये मैच आखिरी दिन ड्रॉ पर खत्म हुआ. इस मैच में पहले बैटिंग करने वाली महाराष्ट्र ने ही आखिरी दिन भी बल्लेबाजी की और दूसरी पारी में 2 विकेट खोकर 224 रन बनाए, जब दोनों टीम ड्रॉ के लिए राजी हो गई. दूसरी पारी मेंश उसके लिए ओपनर पृथ्वी शॉ ने एक बेहतरीन पारी खेली और अर्धशतक जमाया. पहली पारी में फेल रहे शॉ ने इस बार 75 रन बनाए. वहीं ऋतुराज गायकवाड़ ने पहली पारी तरह दूसरी में भी अर्धशतक जमाया और 55 रन पर नाबाद रहे. सिद्धेश वीर भी 55 रन पर नाबाद लौटे.
इतने बुरे हालात से की वापसी
महाराष्ट्र के लिए इस मैच का ड्रॉ होना जीत की तरह ही साबित हुआ क्योंकि पहली पारी में जैसा हश्र इस टीम का हुआ था, उसे देखकर इस नतीजे तक पहुंचना भी मुश्किल ही नजर आ रहा था. मैच के पहले दिन महाराष्ट्र की टीम ने बल्लेबाजी की शुरुआत की और सिर्फ एक घंटे के अंदर ही उसकी आधी टीम पवेलियन लौट गई थी. शॉ से लेकर कप्तान अंकित बावने तक, अनुभवी बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे और सिर्फ 18 रन पर ही टीम के 5 विकेट गिर गए थे. सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये थी कि इन 5 में से 4 बल्लेबाज तो खाता भी नहीं खोल पाए थे.
मिल गए ज्यादा पॉइंट्स
मगर इसके बावजूद महाराष्ट्र ने ये मैच ड्रॉ करवाया तो इसके स्टार रहे ऋतुराज गायकवाड़ और अनुभवी ऑलराउंडर जलज सक्सेना. गायकवाड़ ने पहली पारी में 91 रन बनाए और सक्सेना के साथ 122 रन की साझेदारी कर पारी को संभाला. जलज सक्सेना ने इस दौरान 49 रन बनाए. ये भी गजब संयोग है कि पिछले सीजन तक जलज सक्सेना केरल का ही हिस्सा थे. इसके बाद उन्होंने अपनी बॉलिंग से कमाल दिखाया और अपनी पुरानी टीम के खिलाफ 3 विकेट लेकर उन्हें सिर्फ 219 रन पर ढेर कर दिया. इस तरह पहली पारी में महाराष्ट्र को 20 रन की बढ़त मिली और इस बढ़त के दम पर ही मैच ड्रॉ होने के बावजूद महाराष्ट्र को 3 जबकि केरल को सिर्फ 1 पॉइंट मिला.