टीम इंडिया 3 मैच की वनडे सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुकी है, जिसकी शुरुआत 19 अक्टूबर से होगी. सारा ध्यान फिलहाल इस सीरीज पर ही लगा हुआ है क्योंकि विराट कोहली और रोहित शर्मा इस सीरीज से वापसी करने वाले हैं. मगर इस दौरे पर वनडे सीरीज के अलावा टीम इंडिया को टी20 सीरीज भी खेलनी है, जिसके लिए ज्यादातर खिलाड़ी अभी ऑस्ट्रेलिया रवाना नहीं हुए हैं और उनमें से कुछ रणजी ट्रॉफी में खेल रहे हैं. युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा भी उनमें से हैं लेकिन रणजी ट्रॉफी में खेलने का उन्हें कुछ खास फायदा नहीं हुआ क्योंकि सिर्फ 2 गेंदों में उनका खेल खत्म हो गया.
रणजी ट्रॉफी 2025-26 सीजन में ग्रुप स्टेज के पहले राउंड के मुकाबले में हैदराबाद और दिल्ली के बीच खेले गए मैच में तिलक के साथ ये हुआ. हैदराबाद के कप्तान तिलक वर्मा के लिए नए सीजन का पहला मैच बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा. इसकी शुरुआत दिल्ली की पारी से हुई, जिसने पहले खेलते 529 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया. इस दौरान हैदराबाद के सभी गेंदबाज बिल्कुल बेअसर रहे और खुद तिलक भी अपने 5 ओवर में कुछ कमाल नहीं कर सके. आयुष बडोनी की कप्तानी वाली दिल्ली ने सिर्फ 4 विकेट खोकर इतना बड़ा स्कोर बनाकर अपनी पहली पारी घोषित की थी.
बॉलिंग में तो हैदराबाद के कप्तान नाकाम रहे ही, बल्लेबाजी में भी उनका रंग नहीं दिखा. अपने होम ग्राउंड में ही खेल रहे हैदराबाद के लिए शुरुआत तो अच्छी रही लेकिन फिर उसके विकेट बीच-बीच में गिरते रहे. ऐसे वक्त में जब हैदराबाद को अपने कप्तान तिलक वर्मा की जरूरत थी, तब वो कुछ भी असर डालने में नाकाम रहे. चौथे नंबर पर बैटिंग के लिए उतरे तिलक सिर्फ 2 गेंदों के अंदर पवेलियन लौट गए. वो अपना खाता भी नहीं खोल सके. हैदराबाद के लिए तो ये झटका था ही लेकिन साथ ही तिलक के लिए भी परेशानी की वजह था क्योंकि उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले बैटिंग प्रैक्टिस का वक्त नहीं मिल पाया.
तिलक वर्मा का खेल खत्म किया दिल्ली के कप्तान आयुष बडोनी ने, जो अपनी टीम की गेंदबाजी के सबसे बड़े स्टार साबित हुए. बैटिंग के दौरान आयुष बड़ी पारी तो नहीं खेल पाए लेकिन उन्होंने 53 रन का योगदान जरूर दिया. मगर असली कमाल उन्होंने अपनी ऑफ स्पिन बॉलिंग से किया, जहां हैदराबाद के शुरुआती चारों विकेट बडोनी ने ही चटकाए. इसमें तिलक वर्मा के अलावा 87 रन की पारी खेलने वाले अनिकेत रेड्डी भी शामिल थे. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक हैदराबाद ने पहली पारी में 7 विकेट खोकर 400 रन बना लिए थे और वो दिल्ली से 129 रन पीछे थी. इन 7 में से 5 विकेट दिल्ली के कप्तान बडोनी ने ही किए.