PM Modi Meets Team India: PM मोदी ने क्या नहीं छुई ICC महिला वर्ल्ड कप की ट्रॉफी?

पूरे देश में इस समय खुशी का माहौल है. भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2025 में पहली बार चैंपियन बनकर इतिहास रचा है. इस शानदार जीत के बाद 5 नवंबर को टीम की सभी खिलाड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मिलने पहुंचीं. इस दौरान खिलाड़ियों ने पीएम के साथ फोटो खिंचवाईं, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. एक खास फोटो में प्रधानमंत्री मोदी कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना के बीच खड़े नजर आ रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि उन्होंने वर्ल्ड कप ट्रॉफी को हाथ तक नहीं लगाया. दरअसल, इसके पीछे एक खास वजह है.

PM मोदी ने क्यों नहीं छुई वर्ल्ड कप की ट्रॉफी?

दरअसल, ऐसी मान्यता है कि वर्ल्ड कप ट्रॉफी को सिर्फ चैंपियंस ही हाथ लगाते हैं. यह परंपरा खिलाड़ियों की उपलब्धि का सम्मान करती है. पीएम मोदी ने इसी परंपरा का पालन करते हुए ट्रॉफी को छूने से परहेज किया और पूरी तरह से खिलाड़ियों को श्रेय दिया. हालांकि वर्ल्ड कप ट्रॉफी को हाथ लगाने का हक देश के पीएम को भी होता है, लेकिन PM मोदी ने खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिए ट्रॉफी को हाथ नहीं लगाया. इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने खिलाड़ियों से उनकी जीत की कहानी सुनी, उन्हें बधाई दी और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.

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PM मोदी ने नहीं छुई ICC महिला वर्ल्ड कप की ट्रॉफी. (फोटो- PTI)

बता दें, ये पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा किया है. साल 2024 में भी टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीतने के बाद भारतीय टीम वेस्टइंडीज से सीधा दिल्ली आई थी. इस दौरान टीम ने PM मोदी से मुलाकात की थी. तब भी टीम फोटो के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ के साथ खड़े हुए थे. लेकिन PM मोदी ने टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को हाथ नहीं लगाया था. PM मोदी के इस कदम के लिए उनकी जमकर तारीफ की गई थी.

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टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को नहीं लगाया हाथ. (फोटो- PTI)

भारत के लिए ऐतिहासिक पल

आईसीसी महिला वर्ल्ड कप का खिताब जीतना भारत के लिए किसी सपने से कम नहीं है. इस टूर्नामेंट की शुरुआत साल 1973 में हुई थी. लेकिन भारतीय टीम एक बार भी खिताब अपने नाम नहीं कर सकी थी. वह दो बार फाइनल तक पहुंचकर भी ट्रॉफी से एक कदम दूर रह गई थी. लेकिन हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय टीम सालों से चले आ रहे इस इंतजार को खत्म करने में कामयाब रही. उसने सेमीफाइनल में टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम ऑस्ट्रेलिया को हराने का कारनामा भी किया. जो 2017 के बाद उनकी वनडे वर्ल्ड कप में पहली हार भी थी.