ON THIS DAY: शर्मनाक स्कोर बनाकर हारी थी टीम इंडिया, फिर 10 खिलाड़ियों से ही जीत लिया टेस्ट

ई दिल्ली: क्रिकेट के इतिहास में कुछ जीत ऐसी होती हैं जो केवल आंकड़ों के लिए नहीं, बल्कि टीम के अदम्य साहस और जज्बे के लिए याद रखी जाती हैं। आज का दिन भारतीय क्रिकेट के उसी गौरवशाली अध्याय की याद दिलाता है, जब 2020 में एडिलेड टेस्ट में महज 36 रन पर सिमटने की ऐतिहासिक शर्मिंदगी झेलने के बाद टीम इंडिया ने मेलबर्न में शानदार वापसी की थी।

भारत ने न केवल ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट से मात दी, बल्कि यह साबित किया कि संकट के समय में भारतीय टीम का बेंच स्ट्रेंथ कितना मजबूत है। यह जीत इसलिए भी अविश्वसनीय थी क्योंकि भारतीय टीम अपने नियमित कप्तान विराट कोहली और अनुभवी गेंदबाज मोहम्मद शमी के बिना मैदान पर उतरी थी।

मुश्किलों में भारत ने नहीं मानी हार

मैच के दौरान मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही थीं, क्योंकि अनुभवी गेंदबाज उमेश यादव भी पैर की मांसपेशियों में खिंचाव के चलते मैच के तीसरे और चौथे दिन मैदान से बाहर रहे। ऐसी स्थिति में टीम पूरी तरह से दबाव में थी, लेकिन कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे ने धैर्य नहीं खोया और मोर्चे से नेतृत्व किया। उन्होंने टीम का हौसला बढ़ाया और एक ऐसी रणनीति तैयार की जिसने ऑस्ट्रेलियाई टीम को बैकफुट पर धकेल दिया। संसाधनों की कमी के बावजूद भारतीय टीम ने मैदान पर जो जुझारूपन दिखाया, उसने खेल का रुख पूरी तरह से पलट कर रख दिया।रहाणे के शतक ने दिलाई जीत

मेलबर्न के मैदान पर अजिंक्य रहाणे ने एक यादगार और संकटमोचक शतक जड़ा, जिसने भारत की जीत की मजबूत नींव रखी। रहाणे के अलावा इस मैच ने भारतीय क्रिकेट को दो नए सितारे दिए, शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज। इन दोनों ही खिलाड़ियों ने अपने डेब्यू मैच में ही जबरदस्त खेल दिखाया। गेंदबाजी के मोर्चे पर सिराज ने जसप्रीत बुमराह का बखूबी साथ निभाया और सिराज-बुमराह की सटीक गेंदबाजी के सामने ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम पहली पारी में 195 और दूसरी पारी में केवल 200 रन ही बना सकी। वहीं गिल ने पहली पारी में 45 रनों की ठोस शुरुआत दी और दूसरी पारी में लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम को जीत के करीब पहुंचाया।

अंततः भारत ने ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर मिली यह जीत भारत की इस मैदान पर चौथी टेस्ट जीत थी, जिसने इसे विदेशी धरती पर भारत का सबसे सफल वेन्यू बना दिया। यह टेस्ट मैच इस बात का प्रमाण था कि जब इरादे मजबूत हों और टीम एकजुट होकर लड़े, तो दिग्गज खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में भी दुनिया की सबसे बड़ी ताकत को उसके घर में मात दी जा सकती है। इस जीत ने न केवल सीरीज में बराबरी की, बल्कि भारतीय क्रिकेट के आत्मविश्वास को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया।

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