India vs West Indies 2nd Test: अहमदाबाद में पहला टेस्ट मैच 3 दिन में खत्म होने के बाद अब भारत और वेस्टइंडीज के बीच अगला मुकाबला 10 अक्टूबर से नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला जाना है. ये सीरीज का दूसरा और आखिरी मैच होगा और यहां जीत के साथ टीम इंडिया सीरीज पर कब्जा कर लेगी. मगर इस मैच से पहले एक चर्चा लगातार हो रही है- क्या स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को इस मैच में भी खिलाया जाए या आराम दिया जाए? अब अगर बुमराह इस मैच में खेलते हैं तो ये उनके लिए बहुत खास होगा क्योंकि ये उनके लिए एक तरह का ‘डेब्यू’ होगा. कैसे, ये आपको समझाते हैं.
शुक्रवार 10 अक्टूबर से दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच खेला जाएगा. इस मैदान पर फरवरी 2023 के बाद पहली बार कोई टेस्ट मैच खेला जाना है. पिछली बार जब टीम इंडिया टेस्ट फॉर्मेट में इस मैदान पर उतरी थी, तब उसका सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ था. तब रोहित शर्मा टीम इंडिया के कप्तान थे, राहुल द्रविड़ टीम इंडिया के हेड कोच थे और विराट कोहली, रविचंद्रन अश्विन और चेतेश्वर पुजारा भी टीम इंडिया का हिस्सा थे. मगर इन ढाई साल में सब बदल गया है.
7 साल और 49 टेस्ट मैच के बाद आया मौका
इन सबके अलावा एक और बात इस बार अलग है और इसका कनेक्शन बुमराह से है. असल में पिछली बार दिल्ली टेस्ट में जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया का हिस्सा नहीं थे. उन्हें शादी के लिए ब्रेक दिया गया था. मगर इस बार ये स्टार तेज गेंदबाज टीम इंडिया का हिस्सा है और उनके खेलने की पूरी संभावना दिख रही है. यही बुमराह के लिए इस टेस्ट मैच को खास बनाता है और यही उनके लिए इस मैदान पर एक डेब्यू की तरह है. असल में 2018 में टेस्ट करियर शुरू करने वाले बुमराह ने अभी तक जो 49 टेस्ट मैच खेले हैं, उनमें से एक बार भी वो फिरोज शाह कोटला मैदान पर नहीं खेल सके. ऐसे में इस बार उनका ये इंतजार 50वें टेस्ट मैच में खत्म हो सकता है.
पिछले 15 साल में कैसा है स्टेडियम का रिकॉर्ड?
जेटली स्टेडियम के रिकॉर्ड्स की बात करें तो इस मैदान पर 1948 में पहला टेस्ट मैच भारत और वेस्टइंडीज के बीच ही खेला गया था, जो कि ड्रॉ पर खत्म हुआ था. तब से आज तक यहां कुल 35 टेस्ट मैच खेले गए हैं, जिसमें से सिर्फ 20 मुकाबलों में हार-जीत का फैसला हुआ है, जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे हैं. इन सभी 35 मैच में टीम इंडिया मैदान पर उतरी और 14 बार उसे जीत मिली और 6 में शिकस्त. पिछले 15 साल में यहां 5 टेस्ट खेले गए हैं, जिसमें से 4 में भारत ने जीत दर्ज की और एक ड्रॉ रहा.