जिस तरह से भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 सीरीज की शुरुआत हुई थी, उससे लगा नहीं था कि आखिरी मैच तक टीम इंडिया इस सीरीज पर कब्जा करने के करीब होगी. बारिश से धुले पहले मैच के बाद टीम इंडिया को दूसरे टी20 में करारी हार का सामना करना पड़ा था और वो लगातार सवालों के घेरे में आ गई थी. मगर टी20 वर्ल्ड चैंपियन ने अगले दो मुकाबलों में जोरदार वापसी करते हुए 2-1 की बढ़त बना ली और अब ब्रिसबेन में होने वाले आखिरी टी20 में वो सीरीज जीतने के करीब है. ऐसा करने के लिए कप्तान सूर्यकुमार यादव और उनकी टीम को ऑस्ट्रेलिया से पुराना हिसाब बराबर करना होगा.
ब्रिसबेन में शनिवार 8 नवंबर को पांच टी20 मैच की सीरीज का फैसला होगा. गाबा स्टेडियम में होने जा रहे इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम अपनी ही जमीन पर भारत के हाथों एक और सीरीज गंवाने की शर्मिंदगी से बचने के इरादे से उतरेगी. दूसरे ही मैच में जोरदार जीत के बावजूद मिचेल मार्श की टीम सीरीज में पिछड़ गई और अब हार के करीब है. मगर उसके लिए ये निर्णायक मैच एक ऐसे मैदान पर आया है, जहां उसे हराना टेढ़ी खीर साबित हुआ और यहां तक कि टीम इंडिया को भी इस कोशिश में मुंह की खानी पड़ी है.
ऑस्ट्रेलिया को उसके गढ़ में हराने की जरूरत
अगर अपने घर में किसी एक मैदान पर ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड सबसे अच्छा है तो वो ब्रिसबेन ही है. गाबा में ऑस्ट्रेलिया ने आज तक 8 टी20 मैच खेले हैं और इसमें से 7 में उसे जीत मिली है. सिर्फ एक मुकाबले में उसे हार मिली है और ये शिकस्त भी 12 साल पहले 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ आई थी. इतना ही नहीं, टीम इंडिया ने यहां एकमात्र मैच जो खेला, वो 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही खेला था और उसमें टीम डकवर्थ-लुइस नियम से 4 रन के हार गई थी.ऐसे में टीम इंडिया के पास इस मैच के जरिए ऑस्ट्रेलिया से पुरानी हार का बदला लेने का मौका है और ऐसा करते ही वो सीरीज भी अपने नाम कर लेगी.
हालांकि, ये इतना आसान नहीं होने वाला क्योंकि 7 साल पहले जो हार टीम इंडिया को मिली थी, उसमें अहम भूमिका निभाई थी लेग स्पिनर एडम जैम्पा ने और इस बार भी वो टीम का हिस्सा हैं और पिछले मैच में भी 3 अहम विकेट झटक चुके थे. उनके अलावा मार्कस स्टोइनिस और ग्लेन मैक्सवेल ने भी तब अहम योगदान दिया था और ये दोनों भी इस सीरीज का हिस्सा हैं. यानि खतरा कम नहीं है. मगर मौजूदा टीम इंडिया में उस मैच में खेलने वाले कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह हैं, जो तब की तरह फिर असरदार हो सकते हैं.
गिल-सूर्या और बुमराह के प्रदर्शन पर फोकस
भारतीय टीम के लिए टॉप ऑर्डर के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी एक बड़ी चिंता का कारण रही है. खास तौर पर शुभमन गिल की धीमी बैटिंग और कप्तान सूर्यकुमार यादव का बड़ी पारी न खेल पाना इसमें सबसे अहम है. ऐसे में ये मैच दोनों के लिए निजी तौर पर भी बेहद अहम हो सकता है. वहीं इस सीरीज में अब तक बेअसर रहे तिलक वर्मा और जसप्रीत बुमराह भी निर्णायक मैच में कुछ असर डालना चाहेंगे. बुमराह के लिए खास तौर पर ये सीरीज कुछ खास नहीं रही है और वो 3 पारियों में सिर्फ 3 विकेट ले सके हैं. ऐसे में उनके पास एक अच्छा मौका है. इतना ही नहीं, एक विकेट लेते ही बुमराह 100 टी20 इंटरनेशनल विकेट लेने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय गेंदबाज बन जाएंगे.
प्लेइंग-11 की बात करें तो टीम इंडिया कोई बड़ा बदलाव करेगी, इसकी उम्मीद नहीं दिखती. सीरीज दांव पर है और ऐसे में लगातार 2 मैच जीतने वाले 11 खिलाड़ियों को ही मैदान पर उतारने से बेहतर विकल्प क्या हो सकता है. ऐसे में कुलदीप यादव, संजू सैमसन और हर्षित राणा की वापसी मुश्किल दिखती है जबकि रिंकू सिंह के लिए पूरी सीरीज की तरह आखिरी मैच भी बेंच पर ही बीतने वाला है.