IND A vs PAK A मैच में कैच पर बवाल, पाकिस्तानी बल्लेबाज को नहीं दिया आउट, क्या कहता है नियम?

इंडिया ए और पाकिस्तान शाहीन के बीच एशिया कप राइजिंग स्टार 2025 टूर्नामेंट में खेला गया मुकाबला एकतरफा अंदाज में खत्म हुआ. पाकिस्तानी टीम ने इस मैच में इंडियन टीम को 13.2 ओवर में 8 विकेट से हरा दिया. मैच भले ही एकतरफा रहा हो लेकिन इसमें विवाद भी देखने को मिले और अंपायर्स के कुछ फैसले सवालों के घेरे में रहे. सबसे बड़ा विवाद हुआ पाकिस्तानी बल्लेबाज माज सदाकत के कैच को लेकर, जिसे नॉट आउट करार दिया गया. सदाकत ने ही पाकिस्तान को जीत दिलाने वाली पारी खेली.

कैच के बाद भी दिया नॉट आउट

इंडिया ए ने इस मैच में पहले बैटिंग करते हुए 136 रन बनाए थे. पाकिस्तान की ओर से ओपनिंग कर रहे माज सदाकत ने धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए टीम को तेज शुरुआत दिलाई. सिर्फ 31 गेंदों में ही इस बल्लेबाज ने अर्धशतक जमा दिया था. फिफ्टी पूरी करने के बाद उन्हें एक जीवनदान मिला, जब वैभव सूर्यवंशी ने आसान कैच ड्रॉप कर दिया. मगर इसके बाद 10वें ओवर की पहली ही गेंद पर फिर उनका कैच उछला. इस बार लॉन्ग ऑन पर नेहाल वढ़ेरा ने बाउंड्री के पास उनका कैच लपका. मगर बाउंड्री के पार जाने से पहले उन्होंने गेंद दूसरे फील्डर की ओर फेंकते हुए कैच पूरा कर लिया.

टीम इंडिया को लगा की उन्हें विकेट मिल गया है, जबकि पाकिस्तानी बल्लेबाज भी पवेलियन लौटने लगे थे और नया बल्लेबाज क्रीज पर आ गया था. मगर तभी अंपायर ने सदाकत को रोका क्योंकि थर्ड अंपायर ये चेक कर रहे थे कि कैच सही था या नहीं. कई बार रिप्ले देखने के बाद साफ हो गया कि वढ़ेरा ने बिना बाउंड्री लाइन को छुए ही गेंद को सही वक्त पर दूसरे फील्डर की ओर फेंक दी थी. इस तरह से तो वो साफ आउट लग रहे थे लेकिन थर्ड अंपायर ने उन्हें नॉट आउट करार दिया. ये देखते ही भारतीय खिलाड़ियों ने अंपायर को घेर लिया और इस फैसले पर सवाल करने लगे, जबकि टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ भी फोर्थ अंपायर से चर्चा करने लगे.

नए कानून के कारण बदला फैसला

मगर ऐसा क्यों हुआ कि माज सदाकत को नॉट आउट दे दिया गया? देखा जाए तो अंपायर का फैसला एकदम सही था और इसकी वजह कैच के कानूनों में हुआ बदलाव है. ICC ने जून 2025 में नए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप साइकल के साथ ही बाउंड्री कैच से जुड़े नियमों में 3 बदलाव किए थे और इसमें तीसरा कानून ही यहां पर लागू हुआ, जो ‘रिले कैच’ से जुड़ा है. इसके मुताबिक, अगर कोई फील्डर बाउंड्री के पार जाने से पहले गेंद को अंदर किसी दूसरे फील्डर की ओर फेंकता है, तो उस फील्डर को गेंद डेड होने से पहले खुद भी वापस बाउंड्री के अंदर आना होगा, तभी वो कैच माना जाएगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो इसे बाउंड्री करार दिया जाएगा.

इसका मतलब ये है कि नेहाल वढ़ेरा ने गेंद तो वक्त पर बाउंड्री के अंदर फेंक दी थी लेकिन दूसरे खिलाड़ी के कैच लपकने से पहले उन्हें खुद भी बाउंड्री के अंदर लौटना था. इस मामले में नेहाल ये करना भूल गए और कैच पूरा होने के वक्त बाउंड्री के बाहर ही थे. इसके चलते अंपायर ने बल्लेबाज को नॉट आउट दिया. साफ तौर पर भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों को कैच के कानून में हुए इस बदलाव की सही जानकारी नहीं थी, जिसके चलते ये कंफ्यूजन हुआ. मगर इसमें फायदा पाकिस्तान का और नुकसान भारत का हुआ. हालांकि, अंपायर ने भी एक गलती की और इसे बाउंड्री देने के बजाए कोई भी रन नहीं दिया.