Imliwati Lemtur: स्कूल के पीटी टीचर ने रणजी ट्रॉफी में ठोका शतक, टीवी देखकर सीखा क्रिकेट

नागालैंड और तमिलनाडु के बीच हो रहे रणजी ट्रॉफी मुकाबले में एक ऐसा करिश्मा देखने को मिला जिसकी उम्मीद शायद ही किसी ने की होगी. भारतीय घरेलू क्रिकेट की सबसे मजबूत टीमों में से एक तमिलनाडु ने दीमापुर में चल रहे मुकाबले में पहली पारी में 512 रन बनाक पारी घोषित की. ऐसा लगा कि जवाब में नागालैंड की टीम ताश के पत्तों की तरह ढह जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं. नागालैंड के दो बल्लेबाजों ने तमिलनाडु के गेंदबाजों की नाक में दम कर दिया. इन बल्लेबाजों के नाम हैं डेगा निश्चल और इमलीवती लेमटूर. दोनों ही खिलाड़ियों ने शानदार शतक जड़े और खेल के तीसरे दिन नाबाद रहकर टीम को 365 रनों तक पहुंचा दिया. आपको बता दें नागालैंड के शतकवीर इमलीवती लेमटूर पेशे से पीटी टीचर हैं. वो दीमापुर में एक स्कूल में बच्चों को फिजिकल एजुकेशन देते हैं लेकिन अब वो रणजी ट्रॉफी में अपना दम दिखा रहे हैं.

इमलीवती लेमटूर हैं पीटी टीचर

इमलीवती लेमटूर ने इस शतक के बाद बताया कि वो 6 महीने की छुट्टी लेकर रणजी ट्रॉफी मैच खेलने आए हैं. स्पोर्ट्सस्टार के साथ खास बातचीत में इमलीवती लेमटूर ने कहा, ‘शुक्र है कि स्कूल ने मुझे छुट्टी दे दी. ये बिना सैलरी की छुट्टी है. हाल ही में मेरी शादी हुई है, जिम्मेदारियां बहुत हैं. स्कूल ने कहा है कि जब मैं वापस जाऊंगा तो मुझे नौकरी वापस मिल जाएगी. मुझे अगले साल ड्यूटी जॉइन करनी है.’

टीवी देकर सीखा क्रिकेट

इमलीवती लेमटूर की सबसे खास बात ये है कि इस खिलाड़ी ने टीवी देखकर क्रिकेट सीखा है. लेमटूर बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और उन्होंने टीवी पर युवराज सिंह और सुरेश रैना की बैटिंग देखकर काफी कुछ सीखा. लेमटूर ने बताया कि साल 2011 में भारत की वर्ल्ड कप जीत ने इस खेल के लिए दीवानगी को बढ़ा दिया. लेमटूर ने कहा, ‘हमारे आसपास कोई स्पेशलिस्ट कोच नहीं था. हमें टीवी पर क्रिकेट देखकर प्रेरणा मिलती थी. मैं 10 साल की उम्र से खेल रहा हूं लेकिन मेरा कोई कोच नहीं रहा.’ लेमटूर ने नागालैंड की अंडर-19 और अंडर-23 टीम के लिए भी खेला है. अच्छे प्रदर्शन के दम पर ही वो नागालैंड की टीम में एंट्री कर पाए. लेमटूर ने नागालैंड के लिए 42 फर्स्ट क्लास मैचों में 121 विकेट हासिल किए हैं. वो 6 बार फाइव विकेट हासिल कर चुके हैं.