Gautam Gambhir: साउथ अफ्रीका से शर्मनाक हार के पीछ है गौतम गंभीर का बड़ा हाथ, ये है वजहें

भारतीय टेस्ट टीम को एक बार फिर ऐसा दिन देखना पड़ा जो सच में निराशाजनक है. न्यूजीलैंड से 0-3 से हारने के बाद भारतीय टीम साउथ अफ्रीका से भी हार गई है. इस हार के बाद हेड कोच गौतम गंभीर सबसे ज्यादा निशाने पर हैं. बतौर हेड कोच गौतम गंभीर ने इस सीरीज में कुछ ऐसी गलतियां की जिसकी वजह से टीम इंडिया को हार झेलनी पड़ी. ये बिल्कुल सही है कि गौतम गंभीर कोच हैं और वो खुद मैदान पर खेलने नहीं उतरते लेकिन उनके कुछ फैसले टीम इंडिया के खिलाफ जरूर गए. आइए आपको बताते हैं कि इस सीरीज में गंभीर ने क्या गलतियां की.

गौतम गंभीर की पहली बड़ी गलती

गौतम गंभीर की पहली और सबसे बड़ी गलती प्लेइंग इलेवन और उससे छेड़छाड़ रही. गौतम गंभीर ने नंबर 3 के बल्लेबाज साई सुदर्शन को पहले टेस्ट मैच में ड्रॉप कर उस नंबर पर वॉशिंगटन सुंदर को उतार दिया. लेकिन अगले ही टेस्ट मैच में सुंदर को नंबर 8 पर उतार दिया गया. रवि शास्त्री, अनिल कुंबले समेत कई दिग्गजों ने इस फैसले की आलोचना की.

गौतम गंभीर की दूसरी बड़ी गलती

गौतम गंभीर ने इस टेस्ट सीरीज में खालिस बल्लेबाजों से ज्यादा ऑलराउंडर्स पर भरोसा जताया. कोलकाता की चैलेंजिंग विकेट और गुवाहाटी की स्पोर्टिंग विकेट पर खालिस बल्लेबाजों की कमी साफतौर पर दिखाई दी.

गौतम गंभीर की तीसरी बड़ी गलती

घरेलू टेस्ट सीरीज में पिच का चयन बेहद अहम होता है और इस मोर्चे पर भी गंभीर चूक गए. गंभीर कोलकाता में टर्निंग ट्रैक लेकर फंसे तो गुवाहाटी में फ्लैट विकेट लिया. लेकिन यहां भी काम नहीं बना. खिलाड़ियों ने तो खराब प्रदर्शन किया ही लेकिन इसकी वजह गंभीर के कुछ फैसले भी रहे. गंभीर पर कुंबले और कैफ ने साफ तौर पर कहा कि खिलाड़ी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और खिलाड़ियों को अपने रोल को लेकर क्लैरिटी ही नहीं है

सिर्फ बयान बहादुर हैं गंभीर

गौतम गंभीर कहा करते हैं कि उन्हें सबसे सफल कोच नहीं बल्कि सबसे निडर कोच बनना है. निडर कोच बनने की कोशिश में वो भारतीय क्रिकेट टीम को 30-35 साल पीछे लेकर चले गए हैं जहां टीम घर में भी हारती थी और बाहर भी. गौतम गंभीर हाई रिस्क हाई रिवॉर्ड की बात करते हैं लेकिन ये अप्रोच सिर्फ बयान में दिखाई देती है. आलम तो ये है कि अब गौतम गंभीर को अपनी कामयाबी गिनानी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि मेरे रहते ही इंग्लैंड में सीरीज ड्रॉ की थी. चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप की जीत में भी मैं ही कोच था. लेकिन यहां बात टेस्ट क्रिकेट की हो रही है जहां वो 9 में से 5 टेस्ट मैच हार चुके हैं. जीत भी बांग्लादेश और वेस्टइंडीज के खिलाफ मिली है जो कि कमजोर टीमें हैं. इस तरह के प्रदर्शन के बाद अब ऐसा लग रहा है कि ये टीम पिछली बार की तरह इस दफा भी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में नहीं पहुंच पाएगी.