स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ में खेले गए टेस्ट मैच में शानदार जीत हासिल की है। मैच के दूसरे दिन शनिवार को ही ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को आठ विकेट से पटखनी दी। पूरे डेढ़ दिन जहां गेंदबाजों का जलवा देखने को मिला था वहीं दूसरे दिन के आखिरी पलों में ट्रेविस हेड ने अपनी तूफानी बैटिंग से जो कोहराम मचाया उसने हर किसी को हैरान कर दिया।
इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने वो काम कर दिया जो 137 साल में पहली बार हुआ है।
ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 205 रनों की जरूरत थी। ट्रेविस हेड ने 83 गेंदों पर 123 रन बनाते हुए शानदार पारी खेली जिसमें 16 चौके और चार छक्के शामिल हैं। उन्होंने इस दौरान 69 गेंदों पर शतक जमाया है जो एशेज सीरीज के इतिहास में दूसरा सबसे तेज शतक है।
सबसे छोटा टेस्ट
ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ 28.2 ओवरों में जीत हासिल की। ये टेस्ट मैच कुल 847 गेंदों में खत्म हो गया। एशेज के इतिहास में ये गेंदों के लिहाज से तीसरा सबसे छोटा टेस्ट मैच है। इस मामले में पहला नंबर मैनचेस्टर में साल 1888 में खेले गए टेस्ट मैच का है जो 788 गेंदों तक चला था। इसके बाद लॉर्ड्स टेस्ट का नंबर आता है जो 1888 में खेला गया जो और ये मैच 792 गेंदों तक चला था। वहीं देखा जाए तो 1888 के बाद ये गेंदों के लिहाज से सबसे छोटा टेस्ट मैच है।
दिनों के लिहाज से ये बीते 100 साल में ये सबसे छोटा एशेज टेस्ट मैच है। लॉर्ड्स 1888 और द ओवल 1888 में खेला गए टेस्ट मैच भी दो दिन में खत्म हो गए थे। मैनचेस्टर में 1888 में खेला गया टेस्ट मैच भी दो दिन में खत्म हुआ था। 1890 में द ओवल में खेला गया मैच भी दो दिन तक चला था। नॉटिंघम में साल 1921 में खेला गया टेस्ट मैच भी दो दिन में खत्म हुआ था।
2022 के बाद पहली हार
ऑस्ट्रेलिया की इस जीत ने इंग्लैंड के एक सिलसिले को भी तोड़ दिया है। 2022 से इंग्लैंड घर से बाहर हर दौरे पर पहला टेस्ट मैच जीत रही थी, लेकिन इस बार वह विदेशी जमीन पर पहला टेस्ट हार गई। साल 2022 में इंग्लैंड ने पाकिस्तान को उसके घर में पहले टेस्ट में हराया। 2023 में यही काम न्यूजीलैंड दौरे पर किया। 2024 में भारत दौरे पर भी इंग्लैंड की टीम पहला टेस्ट जीतने में सफल रही। 2024 में ही पाकिस्तान और न्यूजीलैंड दौरे पर यही हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने इस क्रम को तोड़ दिया।