सहारनपुर का ‘मिलर’, 5 साल तक यहीं बहाया पसीना; कोच ने बताया कितने खतरनाक ऑलराउंड हैं प्रशांत वीर?

उत्तर प्रदेश में सहारनपुर क्रिकेट की पहचान बन चुके युवा खिलाड़ी प्रशांत वीर की सफलता के पीछे उनके कोच राजीव गोयल उर्फ टप्पू का वर्षों का समर्पण और मेहनत साफ झलकती है. मूल रूप से अमेठी के रहने वाले प्रशांत वीर को आज सहारनपुर का मिलर कहा जाता है. वर्ष 2018 में राजीव गोयल ने प्रशांत की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अपने घर पर रखकर क्रिकेट की बारीकियों से तराशना शुरू किया, जबकि प्रशांत का परिवार अमेठी में ही रहता था.

कोच राजीव गोयल ने प्रशांत को परिवार जैसा माहौल दिया और तकनीकी, मानसिक व शारीरिक रूप से मजबूत खिलाड़ी के रूप में तैयार किया. उन्होंने बताया कि प्रशांत ने सहारनपुर की इसी अकादमी में करीब 5 से 6 वर्षों तक लगातार अभ्यास किया. कड़ी मेहनत, अनुशासन और सही मार्गदर्शन का ही नतीजा रहा कि प्रशांत ने खुद को एक बेहतरीन ऑलराउंड खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया.

14 करोड़ 20 लाख रुपये बिके प्रशांत वीर

प्रशांत वीर की मेहनत तब रंग लाई जब आईपीएल नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 14 करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदा. यह किसी अनकैप्ड खिलाड़ी के लिए अब तक की सबसे बड़ी नीलामी मानी जा रही है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल प्रशांत वीर को, बल्कि सहारनपुर क्रिकेट और उनके कोच राजीव गोयल उर्फ टप्पू को भी देशभर में नई पहचान दिलाई है.

कोच राजीव गोयल ने क्या कहा?

कोच राजीव गोयल ने बताया कि बोली लगने से तीन दिन पहले ही वे प्रशांत के साथ मेहंदीपुर बालाजी दर्शन के लिए गए थे, जहां प्रशांत ने अपने सपनों को साकार होने की मन्नत मांगी थी. नीलामी के दिन अकादमी में खिलाड़ी रोज़ की तरह प्रैक्टिस कर रहे थे. जैसे ही खबर मिली कि प्रशांत वीर पर 14 करोड़ 20 लाख की बोली लगी है, पूरा माहौल खुशी से झूम उठा. हर कोई हैरान था और खिलाड़ियों व कोचों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. प्रशांत वीर के कोच और उनके साथी कह रहे हैं कि प्रशांत फिर एक न एक दिन इंडिया टीम में जरूर खेलेगा.

युवाओं के लिए प्रेरणा

आज प्रशांत वीर की यह सफलता उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर मैदान में उतरते हैं. साथ ही यह कहानी बताती है कि एक समर्पित कोच और सही मार्गदर्शन से प्रतिभा को नई उड़ानदीजासकतीहै.