भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वनडे सीरीज में दमदार बल्लेबाजी करते हुए साबित कर दिया था कि उनमें अभी क्रिकेट बाकी है. उस सीरीज से पहले उनके करियर पर सवाल उठ रहे थे लेकिन ‘हिटमैन’ ने सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाकर बखूबी जवाब दिया था. मगर रोहित के सामने बड़ी चुनौती अब है क्योंकि साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज उनके लिए कड़ा इम्तेहान साबित होने वाली है और आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं कि इस टीम के खिलाफ उन्होंने सबसे ज्यादा संघर्ष किया है.
30 नवंबर से रांची में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज का आगाज हो रहा है. इस सीरीज में रोहित और विराट कोहली पर खासा ध्यान रहेगा क्योंकि इन दिनों ये दोनों दिग्गज ही संन्यास की अटकलों के कारण सवालों के घेरे में हैं. मगर कोहली से ज्यादा फोकस में रोहित रहेंगे क्योंकि वर्ल्ड कप 2027 में उनके खेलने की संभावनाओं के आड़े में बार-बार उम्र और फॉर्म का हवाला दिया जा रहा है.
अब उम्र तो वो रोहित शर्मा रोक नहीं सकते लेकिन फॉर्म उनके हाथों में है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में शतक और अर्धशतक जमाकर स्टार ओपनर ने संकेत दे दिए थे कि वो इस फॉर्मेट में अभी भी उतने ही असरदार हैं. मगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और ऑस्ट्रेलिया में रोहित के लिए रन बनाना कभी भी चुनौती नहीं रही. रोहित के लिए असली परीक्षा तो हमेशा से साउथ अफ्रीका के खिलाफ रही है, फिर चाहे फॉर्मेट कोई भी हो. वनडे में भी स्थिति अलग नहीं है और ये ही वो टीम है, जिसके खिलाफ उनका प्रदर्शन सवालों के घेरे में रहता है.
रोहित ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप 2019 में एक शानदार मैच जिताऊ शतक जमाया था. इससे पहले भी 2 अलग-अलग मौकों पर उन्होंने शतक जमाए हैं, लेकिन इस टीम के खिलाफ उनके प्रदर्शन की बस यही कहानी है. वनडे क्रिकेट में 49 की औसत से 11370 रन बनाने वाले रोहित ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 26 मैच की 25 पारियों में सिर्फ 806 रन बनाए हैं. उनका औसत मात्र 33.58 है, जो बाकी सभी बड़ी टीमों की तुलना में सबसे खराब है.
कुल मिलाकर इन 25 में से सिर्फ 5 पारियों में वो पचास का आंकड़ा पार कर सके हैं. यानि 20 पारियों में एक तरह से वो बड़ा स्कोर करने में फेल ही रहे हैं. रोहित जैसी क्लास और कद के बल्लेबाज के लिए रिकॉर्ड पर ये आंकड़े शोभा नहीं देते. ऐसे में हिटमैन के पास एक बड़ मौका है, जब वो अपने सबसे मुश्किल प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ दमदार प्रदर्शन करें और टीम मैनेजमेंट को दिखा दें कि वो वर्ल्ड कप 2027 तक भी खेल सकते हैं.