IND vs SA: भारत-साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज खत्म होने के बाद अब वनडे सीरीज की बारी है. वैसे तो मौजूदा परिस्थितियों में इस सीरीज की बहुत ज्यादा अहमियत नहीं है क्योंकि वनडे वर्ल्ड कप बहुत दूर है और सारा फोकस टी20 वर्ल्ड कप पर है. मगर फिर भी कुछ खिलाड़ियों के लिए इस सीरीज की अहमियत दूसरों से ज्यादा है. ज्यादातर फोकस तो विराट कोहली और रोहित शर्मा पर ही है क्योंकि उनके रिटायरमेंट की अटकलें खत्म नहीं हो रही हैं. मगर इन सबके बीच ऋषभ पंत के लिए ये सीरीज सबसे ज्यादा अहम है क्योंकि ये उनके लिमिटेड ओवर्स करियर को आगे बढ़ा सकती है या रोक सकती है.
30 नवंबर से शुरू हो रही इस वनडे सीरीज में टीम इंडिया शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर जैसे स्टार बल्लेबाजों के बिना उतर रही है. ऐसे में दूसरे खिलाड़ियों को भी मौके मिले हैं और इसमें ऋषभ पंत भी शामिल हैं. पंत को चैंपियंस ट्रॉफी के बाद वनडे टीम में जगह मिली है. हालांकि इस दौरान टीम इंडिया ने सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज खेली थी, जिसमें वो चोट के कारण नहीं खेल सके थे. मगर फिर भी ये सीरीज पंत के लिए अहम है.
टेस्ट में हिट, ODI-T20I में मिसफिट
बात ऐसी है कि पिछले कुछ सालों में ऋषभ पंत ने टेस्ट क्रिकेट में तो अपनी जगह पूरी तरह से पक्की कर ली लेकिन वनडे और टी20 फॉर्मेट में उनकी जगह सवालों के घेरे में बनी हुई है. टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद वो इस फॉर्मेट की टीम में नहीं लौट सके हैं और यहां उनकी वापसी फिलहाल मुश्किल नजर आ रही है. ऐसे में लिमिटेड ओवर्स में उनके पास सिर्फ वनडे फॉर्मेट है और यहां भी उनका ओवरऑल प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं है, जिसके कारण उनकी जगह लगातार सवालों के घेरे में है.
वनडे क्रिकेट की बात करें तो पंत ने इस फॉर्मेट में टीम इंडिया के लिए कुल 31 मैच खेले हैं, जिसमें 27 पारियों में वो 871 रन ही बना सके हैं. उनका औसत 33.50 का है और उनके बल्ले से से सिर्फ एक शतक और 5 अर्धशतक ही निकले हैं. हालांकि, वनडे में वो पिछले ढाई साल में सिर्फ 1 ही मैच खेल पाए हैं, जिसमें उन्होंने 6 रन बनाए थे. इसकी वजह उनका एक्सीडेंट था, जिसके चलते वो पूरे 2023 और आधे 2024 सीजन में नहीं खेल सके थे. एक्सीडेंट से पहले उन्होंने 2022 में ही इंग्लैंड दौरे पर एक शतक लगाया था.
पंत के लिए कम्पटीशन भी तगड़ा
इसके बावजूद पंत के लिए ये सीरीज अहम है क्योंकि फिलहाल टीम इंडिया के लिए इस फॉर्मेट में विकेटकीपर की पहली पसंद केएल राहुल ही रहे हैं, जो बल्ले से भी कमाल का प्रदर्शन करते रहे हैं. वहीं दूसरे विकेटकीपर के रूप में भारतीय टीम के सामने संजू सैमसन और ध्रुव जुरेल जैसे विकल्प भी हैं, जो पंत के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं. ऐसे में अगर टेस्ट टीम के उप-कप्तान यहां अपना कमाल नहीं दिखा पाते हैं तो उनके सामने सिर्फ एक ही फॉर्मेट में खेलने का विकल्प रह जाएगा.