15 नवंबर को IPL 2026 रिटेंशन की डेडलाइन खत्म हो गई और इसके साथ ही साफ हो गया कि किस टीम ने कितने खिलाड़ी रिटेन किये और कितने रिलीज किए. रिटेंशन के ऐलान का तो हर किसी को बेसब्री से इंतजार था लेकिन उससे भी ज्यादा बेकरारी रवींद्र जडेजा और संजू सैमसन के ट्रेड को लेकर थी, जिसमें चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के दो सबसे खास और सबसे पुराने खिलाड़ियों की अदला-बदली हुई. संजू सैमसन तो पहले ही राजस्थान छोड़ने का मन बना चुके थे लेकिन रवींद्र जडेजा क्यों CSK छोड़ने के लिए राजी हुए? ये सवाल बहुत से लोगों के जहन में होगा और अब सामने आया है कि इसमें टीम के पूर्व कप्तान और सबसे बड़े चेहरे, एमएस धोनी की भी खास भूमिका रही.
शनिवार को रिटेंशन के ऐलान से पहले ही जडेजा और सैमसन के ट्रेड की IPL की तरफ से आधिकारिक पुष्टि हुई. इस डील के तहत सैमसन ने राजस्थान का साथ छोड़कर चेन्नई को अपना नया घर बनाया. वहीं चेन्नई को अपनी तरफ से जडेजा और सैम करन को राजस्थान के हवाले करना पड़ा. खास बात ये है कि चेन्नई में रहकर 18 करोड़ की सैलरी हासिल कर रहे जडेजा सिर्फ 14 करोड़ की फीस पर राजस्थान गए. अब ऐसा क्यों हुआ, ये तो फिलहाल साफ नहीं है. मगर इस ट्रेड के लिए जडेजा को राजी करने में धोनी ने भी योगदान दिया.
क्रिकबज की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राजस्थान और चेन्नई के बीच इस ट्रेड की चर्चा शुरू होने से पहले धोनी ने भी जडेजा से बात की थी. दोनों के बीच इस ट्रेड को लेकर काफी बातें हुईं और इस बात पर सहमति बनी कि आने वाले वक्त के लिए CSK जिस दिशा में जाना चाहती है, उसको देखते हुए इस ट्रेड के सफल होने में ही सबका फायदा है. फिर चाहे वो जडेजा हों या चेन्नई सुपर किंग्स. इतना ही नहीं, ये भी दावा किया गया है कि अफगानिस्तानी स्पिनर नूर अहमद के CSK में अपनी जगह पक्की करने के बाद जडेजा का हमेशा ही प्लेइंग-11 में शामिल हो पाना तय नहीं था. ऐसे में कुछ मौकों पर जडेजा को ड्रॉप भी करने की नौबत आ सकती थी, जो खुद स्टार ऑलराउंडर को पसंद नहीं आती.
जाहिर तौर पर 37 साल की उम्र के बावजूद अच्छी लय में दिख रहे जडेजा खुद अपने लिए ऐसी स्थिति पसंद नहीं करते. ये उनके लिए भी सम्मान की बात होती क्योंकि वो इस लीग के और इस फ्रेंचाइजी के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक हैं. ऐसे में धोनी के साथ चर्चा करने पर उन्हें पूर्व कप्तान से जो भी सुझाव या सलाह मिली, उसे जडेजा मानने को तैयार हो गए. इसके चलते ही IPL इतिहास के सबसे बड़े और यादगार ट्रेड में से एक को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सका.