भारतीय क्रिकेट में कुछ कहानियां ऐसी होती हैं, जो व्यक्तिगत सपनों से ऊपर उठकर सामूहिक विजय का प्रतीक बन जाती हैं. अमोल मजूमदार की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. खुद भारत की नीली जर्सी पहनने का सपना अधूरा रह जाने के बावजूद, उन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को विश्व चैंपियन बनाकर इतिहास रचा. यह केवल एक काल्पनिक चक दे! इंडिया कहानी नहीं, बल्कि एक असली योद्धा की गाथा है. मजूमदार ने 1993 में मुंबई के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण करते हुए 260 रनों की विश्व रिकॉर्ड पारी खेली थी. घरेलू क्रिकेट में दो दशकों तक 11,000 से अधिक रन और 30 शतकों के साथ शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों की मौजूदगी में उन्हें कभी भारतीय टीम में जगह नहीं मिल पाई.