Women’s World Cup 2025: किसकी बात सुनकर हरमनप्रीत कौर ने शेफाली वर्मा को थमाई गेंद और पलट गया मैच?

Women’s World Cup 2025: दिल टूटने से इतिहास तक भारतीय महिला क्रिकेट ने गौरव की ओर अपनी लंबी अधूरी यात्रा पूरी की. नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में भारतीय महिला टीम ने इतिहास रच दिया. महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया. खिताब जीतने के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर काफी भावुक नजर आ रही थीं. मैच के बाद उन्होंने कहा शेफाली वर्मा को गेंदबाजी कराने को लेकर बड़ा खुलासा किया है.

भारतीय कप्तान ने क्या कहा?

खिताब जीतने के बाद टीम इंडिया की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा, “ये शुरुआत है. हम इस बाधा को तोड़ना चाहते थे. हमारी अगली योजना इसे एक आदत बनाना है. हम इसका इंतजार कर रहे थे, अब ये पल आ गया है. कई बड़े मौके आ रहे हैं और हम लगातार सुधार करना चाहते हैं. यह आखिरी नहीं, बस शुरुआत है”.

शेफाली वर्मा को गेंदबाजी देने के सवाल पर भारतीय कप्तान ने कहा कि “जब लॉरा और सुने स्कोर को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रही थी तो मैंने शेफाली को वहीं खड़े देखा. उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की थी. मुझे लगा कि मुझे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए. मेरा दिल कह रहा था कि मुझे उन्हें कम से कम एक ओवर तो देना ही होगा और यही हमारे लिए निर्णायक मोड़ था. आखिर में साउथ अफ्रीकी टीम थोड़ा घबरा गईं और यहीं से हमें फायदा हुआ. सही समय पर दीप्ति आईं और उन्होंने विकेट लिए.

अमोल मजूमदार की तारीफ की

शेफाली वर्मा ने अपने पूरे इंटरनेशनल वनडे करियर में केवल 14 ओवर फेंके थे, लेकिन फाइनल में उन्होंने कमाल की गेंदबाजी की और दो अहम विकेट लिए. हरमनप्रीत ने कहा कि जब शेफाली टीम में आईं तो हमने उनसे कहा कि आपको मैच के दौरान 2-3 ओवर करेंगे होंगे, तब शेफाली ने कहा था, “अगर आप मुझे गेंदबाजी देंगी तो मैं पूरे 10 ओवर डालने की कोशिश करूंगी”. इसका श्रेय उन्हें जाता है, वो बहुत पॉजिटिव थीं और टीम के लिए हमेशा मौजूद रहीं. उन्हें सलाम.

टीम के कोच अमोल मजूमदार को लेकर भारतीय कप्तान ने कहा कि अमोल सर टीम के साथ थे और वो हमेशा हमें कुछ खास करने और इस बड़े मौके के लिए तैयारी करते रहने के लिए कहते रहते थे. हमें सपोर्ट स्टाफ और बीसीसीआई को श्रेय देना चाहिए. हमने अपनी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं किए और उन्होंने हम पर पूरा भरोसा किया. हम सबकी बदौलत ही आज यहां हैं.