भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने शनिवार को घोषणा की कि प्रो रेसलिंग लीग (Pro Wrestling League-PWL) की वापसी हो रही है. अपनी पिछली सफल सीजन 2019 के बाद यह लीग अब Pro Wrestling League 2026 के रूप में एक नए मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल में वापस लौट रही है. इसका उद्देश्य भारतीय पहलवानों को वैश्विक मंच देना, देश के ओलिंपिक सपनों को बल देना और भारतीय मातृ शक्ति को सशक्त बनाना है.
शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह आधिकारिक घोषणा की गई. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व WFI अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह उपस्थित थे, जिन्होंने भारतीय रेसलिंग के इस नए अध्याय का उद्घाटन किया.
प्रो रेसलिंग लीग 2026 के उद्घाटन सीजन का एक महत्वपूर्ण आयोजन माना जा रहा है. हालांकि डिटेल्ड शेड्यूल, फ्रैंचाइजी विवरण और भाग लेने वाले अंतरराष्ट्रीय सितारों की जानकारी आगामी महीनों में जारी की जाएगी.
रेसलिंग सिर्फ खेल नहीं, यह हमारी विरासत है… बोले बृजभूषण शरण सिंह
इस अवसर पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि भारत में रेसलिंग सिर्फ खेल नहीं है, यह हमारी विरासत है. हमारी मिट्टी और संस्कृति में जड़ें, कई वर्षों से मैंने हमारे अखाड़ों में उभरते हुए अद्भुत टेलेंट को देखा है, जिनके पास वो मंच नहीं था, जिसके वे हकदार थे. उन्होंने कहा कि यह लीग सुनिश्चित करेगी कि हर युवा पहलवान, जो सपना देखता है, उसके पास स्थानीय अखाड़े से लेकर अंतरराष्ट्रीय पोडियम तक की सुविधा होगी. हम इसे विश्व की प्रमुख रेसलिंग लीग बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

इस अवसर पर WFI अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि Indian Premier League (IPL) ने दिखाया है कि एक संरचित लीग कैसे घरेलू प्रतिभा को खोज और पोषित कर सकती है. उन्हें विश्व मंच पर प्रतिस्पर्धा का Exposure दे सकती है. प्रो रेसलिंग लीग 2026 हमारी उस प्रतिबद्धता का प्रतिरूप है. यह वही प्रशिक्षणभूमि होगी, जो हमारे अगले ओलिंपिक, एशियन गेम्स और अन्य प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ईवेंट्स के पदक विजेताओं को तैयार करेगी.
नए रूप में सामने आया प्रो रेसलिंग लीग
लीग संरचना पर टिप्पणी करते हुए लीग के अध्यक्ष एवं प्रमोटर दयान फारूकी ने कहा कि प्रो रेसलिंग लीग को एक प्रमुख फ्रैंचाइज-आधारित पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में डिजाइन किया गया है. हम निजी निगमों और निवेशकों के लिए फ्रैंचाइजी-मालिक बनने का आकर्षक उत्पाद बना रहे हैं. यह संरचना इस खेल की प्रोफाइल को ऊंचा उठाने और दीर्घकालीन विकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है.
लीग-केंद्रित आर्थिक मॉडल के बारे में लीग के सीईओ अखिल गुप्ता ने कहा कि हमारी दृष्टि पहलवान की जिंदगी को बदलने की है. हम एक ठोस आर्थिक मॉडल बना रहे हैं, जहां पहलवानों को पेशेवर खिलाड़ियों के रूप में मूल्य दिया जाएगा. संरचित अनुबंधों, लीग-व्यापी प्रोत्साहनों और फ्रैंचाइजी साझेदारियों के माध्यम से, हम उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करेंगे, जिससे हमारे चैंपियन सिर्फ पदक जीतने पर ध्यान केंद्रित कर सकें. लीग के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी सुमित दुबे फ्रैंचाइजियों और स्पॉन्सर्स को जोड़ने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे.