वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने अपनी दमदार बैटिंग से सिर्फ डेढ़ दिन के अंदर बड़ा स्कोर बनाकर पारी घोषित कर दी. यशस्वी जायसवाल और कप्तान शुभमन गिल के बेहतरीन शतकों की मदद से पहले बैटिंग कर रही टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी 518 रन पर घोषित कर दी. जहां गिल, जायसवाल ने शतक जमाए तो साई सुदर्शन, ध्रुव जुरेल और नीतीश कुमार रेड्डी जैसे बल्लेबाजों ने भी अच्छी पारियां खेली. मगर कप्तान गिल के फैसले के कारण स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला और इसका गुस्सा उन्होंने अपनी बॉलिंग से वेस्टइंडीज पर उतारा.
अरुण जेटली स्टेडियम में शनिवार 11 अक्टूबर को टेस्ट मैच का दूसरा दिन था और यहां टीम इंडिया ने अपने पहले दिन के स्कोर में 200 रन जोड़कर दिन के दूसरे सेशन में डिक्लेयर कर दिया. इसके चलते जडेजा को बैटिंग का मौका नहीं मिला और पिछले मैच में शतक जमाने के बाद एक बार फिर बड़ी पारी खेलने का मौका उनके हाथ से फिसल गया. मगर जडेजा से बचकर आखिरी विंडीज टीम जाती कहां? बैटिंग नहीं तो बॉलिंग और फील्डिंग अभी बाकी थी और यहां जडेजा तो किसी भी टीम के लिए काल साबित हो सकते हैं. वेस्टइंडीज पर वो कैसे रहम खाते.
वेस्टइंडीज के 2-3 बल्लेबाजों ने शुरुआत तो दमदार की और भारतीय गेंदबाजों को काफी देर तक परेशान किया भी. मगर यहां पर रवींद्र जडेजा ने बैटिंग न मिलने की भड़ास बॉलिंग से निकाली. कैरेबियाई गेंदबाजों को अपने बल्ले से निशाना बनाने का मौका न मिलने के बाद जडेजा ने उसके बल्लेबाजों को एक-एक कर अपनी स्पिन के जाल में फंसा दिया. इसकी शुरुआत ओपनर जॉन कैंपबेल के विकेट के साथ हुई, जिन्हें साई सुदर्शन ने एक हैरतअंगेज कैच के साथ लौटाया.
मगर जडेजा का सबसे अच्छा विकेट तो इसके बाद आया. एलिक एथेनाज और तेजनरेन चंद्रपॉल के बीच बड़ी साझेदारी हो रही थी और दोनों ने टीम को 100 रन के करीब पहुंचा दिया था. इस दौरान तेजनरेन ने जडेजा के नए ओवर की पहली गेंद पर छक्का जमा दिया. जाहिर तौर पर भारतीय स्पिनर को ये बात पसंद नहीं आई और अगली 2 गेंदों के अंदर उन्होंने विंडीज ओपनर को पवेलियन लौटा दिया. जडेजा यहीं नहीं रुके और उन्होंने जल्द ही वेस्टइंडीज के कप्तान रॉस्टन चेज को खाता खोले बिना ही पवेलियन लौटा दिया.
अगर ये काफी नहीं था तो जडेजा ने हमेशा की तरह फील्डिंग में भी अपना योगदान दिया और सबसे असरदार साबित हो रहे बल्लेबाज को पवेलियन लौटाया. कुलदीप यादव की गेंद पर जडेजा ने एलिक एथेनाज का कैच लपका, जिन्होंने पहले दिन वेस्टइंडीज के लिए सबसे ज्यादा 41 रन बनाए. इस तरह बैटिंग में मौका न मिलने के बाद जडेजा ने बॉलिंग और फील्डिंग में कमाल दिखाया. अपने 14 ओवर में जडेजा ने 37 रन दिए और 3 विकेट लिए. इसके चलते ही अच्छी स्थिति में दिख रही वेस्टइंडीज ने दूसरे दिन तक 4 विकेट खोकर 140 रन बना लिए थे और वो टीम इंडिया से 378 रन पीछे थी.