Corruption in Cricket: रोहित-सहवाग के कोच का बड़ा खुलासा, टीम में आने के लिए खिलाड़ियों को देनी पड़ती है मोटी रकम

Corruption in Indian Cricket: टीम इंडिया 28 सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप का फाइनल मैच खेलेगी. इसके लिए टीम के खिलाड़ी मैदान पर जमकर पसीना बहा रहे हैं. इस बीच रोहित शर्मा और वीरेंद्र सहवाग के कोच ने एक बड़ा खुलासा करते हुए भारतीय क्रिकेट में भूचाल ला दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन कोचों ने आरोप लगाया कि टीम में जगह बनाने के लिए खिलाड़ियों को मोटी रकम रिश्वत के रूप में देनी पड़ी है. इन्होंने स्पाई कैम के सामने इस काले सच से पर्दा उठाया है.

क्या है पूरा मामला?

टीम इंडिया इस समय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन कर रही है. एशिया कप 2025 में भारतीय टीम बिना एक भी मैच हारे फाइनल में पहुंच गई है. जहां उसका मुकाबला पाकिस्तान से होने जा रहा है. इस बीच भारतीय क्रिकेट का एक काला सच फैंस के सामने उजागर हुआ है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट्स के मुताबिक खिलाड़ियों को डॉमेस्टिक क्रिकेट में खेलने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है. तीन खिलाड़ी अनुराग कुमार, रोहित सैनी और विक्की इसके शिकार बने हैं. इनसे रणजी ट्रॉफी खिलाने के नाम पर मोटी रकम ली गई थी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक अनुराग से 20 लाख, रोहित से 15 लाख और विक्की से 18 लाख रुपये रणजी ट्रॉफी खिलाने के नाम पर लिए गए थे. इन तीनों खिलाड़ियों ने पिछले साल दिसंबर दिल्ली के अलगअलग थानों में इस मामले में लिखित शिकायत दर्ज करवाई थी. मामला कोर्ट में पहुंचने पर आरोपियों ने विक्की से पैसे लौटाने का एग्रीमेंट किया और पिछले 9 महीनों में उसे 13 लाख रुपये वापस भी कर दिए हैं, लेकिन रोहित और अनुराग को एक भी एक भी पैसा नहीं मिला है.

अनुराग, रोहित और विक्की ने बताई आपबीती

इस मामले में अनुराग कुमार, रोहित सैनी और विक्की ने बताया कि वो यूपी के मऊ में एक क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने गए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक मैच के दौरान इन खिलाड़ियों के पास संघर्ष आनंद नाम के एक व्यक्ति ने फोन किया. फोन पर उसने कहा, “तुम अच्छा खेलते हो. मैं तुम्हें बिहार की रणजी टीम में जगह दिला सकता हूं”. इस पर अनुराग, रोहित और विक्की तैयार हो गए. आनंद ने तीनों खिलाड़ियों के बिहार के फेक डॉक्यूमेंट बनवाए और फिर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अलग-अलग टूर्नामेंट में कुछ मैच भी खिलवाए.

तीनों खिलाड़ियों को लगा कि उनके अच्छा खेलने की वजह से आनंद उनकी मदद कर रहा है. इसके बाद आनंद ने इन खिलाड़ियों से कहा कि वो उनका सेलेक्शन बिहार की रणजी टीम में करवा देगा. इसके लिए उसने अनुराग से 20 लाख रुपये, रोहित से 15 लाख रुपये और विक्की से 18 लाख रुपये ले लिए. तेज गेंदबाज करने वाले विक्की ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि संघर्ष आनंद और सारस आनंद नाम के दो व्यक्तियों ने हेमन ट्रॉफी खेलने के लिए उसे बिहार बुलाया और मैच भी खिलवाए.

पैसे लेने के बाद फोन उठाना बंद कर दिया

इसके बाद संघर्ष और सारस ने विक्की की बिहार सेलेक्टर बोर्ड के एक मेंबर से फोन पर बात कराई. इसके बाद विक्की से 18 लाख रुपये दे दिए. हालांकि इसके बाद दोनों अपनी बात से मुकर गए और फोन उठाना बंद कर दिया. जब खिलाड़ियों ने दबाव बनाना शुरू किया तो आरोपी जान से मारने की धमकी देने लगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ लोग खिलाड़ियों से पैसे ऐठने के लिए उनकी तलाश करते रहते हैं. इसी में से अरुणाचल प्रदेश के नबम गुनिया नाम के एक व्यक्ति का नाम सामने आया.

नबम अरुणाचल प्रदेश क्रिकेट का पूर्व सेलेक्टर रह चुका है और इस समय वो अरुणाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के एक जिले का सचिव है. जांच में पता चला कि नबम गुनिया के रिलेटिव ही एसोसिएशन में बड़े पदों पर मौजूद हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक नबम गुनिया ने दो रणजी मैच खिलाने के नाम पर 25 लाख रुपये खिलाड़ियों से लेता है. करप्शन का ये खेल केवल खिलाड़ियों और एजेंट्स तक ही सीमित नहीं है क्रिकेट के नामी कोच भी मानते हैं कि, बिना पैसे और पहुंच के टीम में सेलेक्शन संभव नहीं है.

सहवाग के कोच ने क्या कहा?

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेट वीरेंद्र सहवाग के शुरुआती कोच रह चुके एएन शर्मा ने बताया कि दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) में सेलेक्शन के नाम पर खुलकर पैसा चलता है. अगर आपको अपने लड़के को अंडर-19 खिलाना है तो आपके पास करीब 15 से 16 लाख रुपये होने चाहिए. यहां कि प्लेइंग इलेवन में खेलने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है. शिखर धवन के कोच मदन शर्मा ने स्पाई कैम पर कहा कि DDCA में सेलेक्शन प्रतिभा को देखकर नहीं होती है.

उन्होंने बताया कि एक खिलाड़ी पिछले सीजन का दिल्ली में बेस्ट परफॉर्मर था, लेकिन अंडर-16 की टीम में इसका नाम नहीं आया. युजवेंद्र चहल और पवन नेगी के कोच रहे रणधीर सिंह ने अपनी बात पवन नेगी से शुरू की. उन्होंने कहा कि एक लड़का वर्ल्ड कप टीम के लिए सेलेक्ट होता है और उसे स्टेट टीम में नहीं लिया जाता. हमने सबसे पूछा तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. पवन नेगी वर्ल्ड कप, एशिया कप की टीम में थे, लेकिन वो उसी सीजन में स्टेट की रणजी टीम में सेलेक्ट नहीं हुए. रणधीर सिंह और मदन शर्मा का कहना है कि इस समय क्रिकेट में सिर्फ सिफारिश और करप्शन चल रहा है.

सेलेक्शन के नाम पर देने पड़ते हैं इतने रुपये

रिपोर्ट्स के मुताबिक ईशांत शर्मा के कोच रहे श्रवण कुमार ने बताया कि जिसके पास पैसा है वही क्रिकेट में आगे बढ़ सकता है. पहले दिल्ली में कंपटिशन काफी था, जो अच्छा खेलता था, उसे टीम में चुना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अंडर-16, 17, 19 में सेलेक्शन के लिए 15-25 लाख रुपये देने पड़ते हैं.

रोहित शर्मा भी हो चुके हैं धांधली का शिकार

रोहित शर्मा के कोच दिनेश लाड ने बताया कि टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा भी इस धांधली का शिकार हो चुके हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने बताया कि मुंबई में अंडर-16 के सेलेक्शन के लिए कल्पेश कोली टूर्नामेंट होता है. इसके लिए रोहित शर्मा का भी बोरिवली टीम से सेलेक्शन हुआ था, लेकिन टीम के कोच ने अपने पसंद के खिलाड़ी को खिलाने के लिए रोहित को एक भी मैच नहीं खेलाया.

इससे रोहित का अंडर-16 में खेलने का सपना टूट गया. हालांकि रोहित का लक उसके साथ था. उसी साल BCCI के इस टूर्नामेंट को अंडर-16 से हटा कर अंडर-17 डाल दिया गया, जिससे रोहित शर्मा को एक साल और मौका मिल गया. जहां रोहित ने अच्छा प्रदर्शन किया और बेस्ट प्लेयर के अवॉर्ड से सम्मानित हुए. दिनेश लाड का कहना है कि मुंबई में भी चयन में पैसा चलता है, लेकिन कोई आवाज नहीं उठा सकता. अगर कोई विरोध करता है तो उसका करियर तबाह हो जाता है.