जापान के टोक्यो में खेली जा रही वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में 18 सितंबर को भारत को बड़ा झटका लगा है. ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट भारत के जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा से देश को पदक की उम्मीद थी, लेकिन वो जैवलिन थ्रो इवेंट में टॉप-6 में भी जगह नहीं बना पाए. इस दौरान भारत के ही सचिन यादव ने काफी प्रभावित किया और वो केवल 40 सेंटीमीटर से मेडल पाने से चूक गए. इस दौरान उन्होंने अपने प्रदर्शन से नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के अरशद नदीम को पीछे छोड़ दिया. वर्ल्ड चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करने वाले सचिन यादव कौन हैं? आइए इसके बारे में बताते हैं.
क्रिकेटर से बने जैवलिन थ्रोअर
यूपी के बागपत जिले के रहने वाले सचिन यादव भारतीय एथलेटिक्स में एक उभरते हुए सितारे बन गए हैं. एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में सिल्वर मेडल जीतने वाले सचिन 73वीं इंडिया पुलिस एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करके पहली बार चर्चा में आए थे. इस चैंपियनशिप में उन्होंने 30 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा था.
हालांकि सचिन शुरू में एक क्रिकेटर बनना चाहते थे. वो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को अपना आदर्श मानते थे. 19 साल की एज तक उन्होंने स्थानीय टूर्नामेंट में खेले. अचानक एक दिन उनके साथ कुछ ऐसा हुआ, जिससे उनकी लाइफ ही चेंज हो गई.
सचिन ऐसे बने जैवलिन थ्रोअर
हुआ ये कि सचिन के पड़ोसी और उनके शुरुआती कोच संदीप यादव ने उनको गेंदबाजी करते हुए देखा. सचिन के ऊंचे कद को देखकर संदीप को लगा कि वो अच्छा जैवलिन थ्रोअर बन सकता है. इसके बाद उन्होंने सचिन को कोचिंग देनी शुरू कर दी. 6 फुट 5 इंच लंबे सचिन यादव ने साल 2024 में बेंगलुरु में 63वीं राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 80.04 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया था.
इसके बाद उनका शानदार सफर शुरू हो गया. कोच्चि में फेडरेशन कप (83.86 मीटर) और देहरादून में नेशनल गेम्स (84.39 मीटर) में गोल्ड मेडल के साथ उनका दबदबा कायम होता गया. इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा किया, जिससे सभी चौंक गए.
90 मीटर का फाउल, जिसने फैंस को चौंका दिया
देहरादून में साल 2025 के नेशनल गेम्स में प्रैक्टिस के दौरान सचिन यादव ने एक सिंपल थ्रो (सिर्फ 12 स्ट्राइड के साथ) किया जो लगभग 90 मीटर तक गया, लेकिन एक हल्के से स्टेप आउट के कारण इसे फाउल करार दिया गया. इस टूर्नामेंट में उनका विजयी 84.39 मीटर का थ्रो भी उनके पहले प्रयास में टखने की चोट के बाद आया था, जहां वो फिसल गए थे. इस दौरान उन्होंने गोल्ड मेडल जिता था.
उनकी उपलब्धियों ने उन्हें एक उभरते हुए सितारे के रूप में स्थापित किया, जो भारत के महान खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का उत्तराधिकारी बनने के लिए तैयार थे. हालांकि सचिन चोटों से भी काफी परेशान रहे.
कोहनी की हुई सर्जरी
साल 2022 में सचिन यादव बार-बार होने वाली चोटों से जूझते रहे. कोहनी की समस्या की वजह से उनको ऑपरेशन कराना पड़ा. इसकी वजह से वो मैदान से बाहर रहे. चोट से उबरने के बाद उन्होंने शानदार वापसी की और 72.06 मीटर के साथ यूपी स्टेट का खिताब अपने नाम किया. उनके कोच का कहना है कि सचिन का 107 किलोग्राम का शरीर दोधारी तलवार है-दूरी के लिए आदर्श लेकिन मोच से ग्रस्त.
नवल सिंह से कोचिंग लेकर सुधारा अपना खेल
हालांकि दिल्ली में नवल सिंह से कोचिंग लेने के बाद सचिन चोट से दूर ही रहे. नवल सिंह की कोचिंग में सचिन ने साल 2022 में 72 मीटर की साधारण थ्रो से 2025 में 85.16 मीटर तक अपनी तकनीक को निखारा. इससे पहले इंटरनेशनल कोच माइकल एमजी ने उनके साथ दो साल तक काम किया था. इस दौरान माइकल ने भविष्यवाणी की थी कि वे 90 मीटर तक थ्रो कर लेंगे.
यूपी पुलिस में कार्यरत सचिन केवल चार साल पहले ही थ्रो करना शुरू किया था. इसके बावजूद उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया है. जब सचिन यादव ने साउथ कोरिया के गुमी में 2025 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के लिए डेब्यू किया तो उनसे किसी को उम्मीद नहीं थी, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के अरशद नदीम जैसे टॉप थ्रोअर के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए 85.16 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और सिल्वर मेडल जीता.