Sai Sudharsan Poor Form: भारतीय क्रिकेट टीम टेस्ट फॉर्मेट में इस वक्त बदलाव के दौर से गुजर रही है. विराट कोहली, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद कुछ नए खिलाड़ियों को मौके दिए जा रहे हैं. भले ही दिग्गजों की जगह भरना आसान न हो लेकिन हर एक जगह के लिए कई खिलाड़ी अपना दावा ठोक रहे हैं. ऐसे में जिस भी खिलाड़ी को मौका मिल रहा है, उसे कम वक्त में ही खुद को साबित करना होगा. मगर एक खिलाड़ी फिलहाल इससे जूझ रहा है और एक बार फिर उसे नाकामी हाथ लगी है. ये युवा खिलाड़ी हैं साई सुदर्शन, जो वेस्टइंडीज के खिलाफ भी पहले टेस्ट की पहली पारी में फेल रहे.
अहमदाबाद टेस्ट में भी नाकाम सुदर्शन
अहमदाबाद में 2 अक्टूबर से शुरू हुए भारत-वेस्टइंडीज के पहले टेस्ट मैच के पहले ही दिन टीम इंडिया की बैटिंग आ गई. वेस्टइंडीज को 162 रन पर ढेर करने के बाद भारतीय टीम बल्लेबाजी के लिए उतरी थी, जहां उसे फिर से यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने अच्छी शुरुआत दिलाई थी. फिर जायसवाल के आउट होने के बाद साई सुदर्शन तीसरे नंबर पर उतरे. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज के लिए ये एक अच्छा मौका था कि घरेलू परिस्थितियों में एक बड़ी पारी खेलकर अपनी जगह पक्की करें लेकिन वो सिर्फ 7 रन बनाकर स्पिनर का शिकार हो गए.
7 पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक
सुदर्शन का ये चौथा टेस्ट मैच और 7वीं पारी थी लेकिन एक बार फिर वो दमदार स्कोर बनाने में नाकाम रहे. ये पहली बार नहीं है, जब 24 साल के इस बल्लेबाज ने हाथ आया अवसर इस तरह गंवाया है. सुदर्शन ने जून-जुलाई में टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे पर अपना डेब्यू किया था. विराट कोहली के संन्यास के बाद शुभमन गिल तीसरे से चौथी पोजिशन पर शिफ्ट हो गए थे, जिसके चलते तमिलनाडु के इस युवा बल्लेबाज को नंबर-3 पर खुद को साबित करने का मौका मिला था. मगर उसके बाद से अब तक 7 पारियों में वो 21 की औसत से सिर्फ 147 रन ही बना सके हैं, जिसमें मात्र एक अर्धशतक है.
साई सुदर्शन के ये आंकड़े टीम इंडिया के लिए तो चिंतित करेंगे ही लेकिन उससे ज्यादा परेशानी वाली बात खुद इस बल्लेबाज के लिए है. ये बात सही है कि वो इंटरनेशनल क्रिकेट, खास तौर पर टेस्ट में बिल्कुल नए हैं और उनकी शुरुआत भी इंग्लैंड में हुई, जहां अनुभवी बल्लेबाज भी संघर्ष करते हैं. मगर जिस तरह से वो सेट होने के बाद अपने विकेट ‘फेंकते’ रहे हैं, वो टीम मैनेजमेंट को ज्यादा समय तक रास नहीं आने वाला. ये बात सही है कि कप्तान, कोच और सेलेक्टर्स युवा खिलाड़ियों को ज्यादा मौके देने की बात करते रहे हैं लेकिन एक कड़ी सच्चाई ये भी है कि भारतीय क्रिकेट में इस वक्त प्रतिभाशाली विकल्पों की कमी भी नहीं है.
कहीं अगली सीरीज से कट न जाए नाम!
सुदर्शन के लिए समस्या ये भी है कि इस टेस्ट सीरीज में बैटिंग के ज्यादा मौके मिलने की उम्मीद नहीं है. इस सीरीज के 2 टेस्ट मैच में भारतीय टीम के पास 4 पारियों में बैटिंग का मौका होगा. मगर क्या घरेलू परिस्थितियों में टीम इंडिया को दोनों मैच में दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरने की जरूरत होगी भी? अहमदाबाद टेस्ट में भी ये संभव है कि टीम इंडिया एक ही पारी में बैटिंग कर मुकाबला जीत जाए. ऐसे में हर एक पारी सुदर्शन के लिए अहम है और अगर वो अगली बार भी चूकते हैं तो साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से उनका नाम भी कट सकता है.