एशिया कप 2025 की सरगर्मियों के बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही ए टीम टेस्ट सीरीज में भी कमाल की टक्कर देखने को मिली है. इंडिया ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच पहला अनौपचारिक टेस्ट मैच ड्रॉ होने के बाद 23 सितंबर से दूसरा मैच शुरू हुआ और पहले ही दिन एक ऐसे भारतीय गेंदबाज ने कहर बरपाया, जो लंबे समय के बाद वापसी कर रहा था. लखनऊ के इकाना स्टेडियम में इस मुकाबले के पहले ही दिन बाएं हाथ के स्पिनर मानव सुथार की गेंदों ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को ऐसा छकाया कि 5 खिलाड़ी तो उनका ही शिकार हो गए.
अनौपचारिक टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया ए ने पहले बैटिंग का फैसला किया. एक बार फिर उसके लिए सैम कॉन्सटास ने अच्छी शुरुआत की और अर्धशतक जमाया. उनके अलावा कप्तान नाथन मैक्स्वीनी ने भी क्रीज पर लंबा वक्त बिताया और एक दमदार अर्धशतकीय पारी खेली. ऑस्ट्रेलिया ए ने 144 रन तक अपने सिर्फ 2 विकेट ही गंवाए थे और ये दोनों शिकार सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने किए थे. मगर यहां से जिम्मेदारी संभाली 23 साल के युवा स्पिनर सुथार ने.
ऑस्ट्रेलिया की आधी टीम का सफाया
रणजी ट्रॉफी में राजस्थान के लिए खेलने वाले सुथार ने लगातार 2 ओवर में 2 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई पारी पर ब्रेक लगाए. उन्होंने पहले तो 45वें ओवर में ओलिवर पीक को बोल्ड किया. फिर अपने अगले ही ओवर में युवा बल्लेबाज कूपर कॉनोली को खाता खोले बिना ही पवेलियन लौटा दिया. ऑस्ट्रेलिया ने फिर पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन सुथार ने उसे बीच-बीच में झटके दिए. जॉश फिलिपे, विल सदरलैंड और कोरी रॉकिचियोली के विकेट लेकर अपने 5 शिकार पूरे कर लिए. सुथार के इस कमाल की मदद से एक वक्त अच्छी स्थिति में लग रही ऑस्ट्रेलिया ए ने 274 रन तक ही 8 विकेट गंवा दिए.
7 महीने बाद वापसी, लगाया विकेट का शतक
युवा स्पिनर सुथार के फर्स्ट क्लास करियर के 24वें मैच में ये 5वीं बार था जब उन्होंने एक पारी में 5 विकेट हासिल किए. खास बात ये है कि अपने 5वें शिकार के साथ ही सुथार ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में विकेट का शतक पूरा कर लिया. सुथार के नाम 42 पारियों में 100 विकेट हो गए. उनके लिए ये 5 विकेट इसलिए भी अहम हैं क्योंकि 7 महीने से भी ज्यादा वक्त के बाद वो कोई प्रोफेशनल क्रिकेट मैच खेल रहे थे. उनका पिछला मुकाबला जनवरी 2025 में रणजी ट्रॉफी में ही आया था. इसके बाद वो IPL 2025 और दलीप ट्रॉफी में भी अलग-अलग टीम का हिस्सा थे लेकिन उन्हें किसी भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला था.