3 साल के खिलाड़ी का वर्ल्ड रिकॉर्ड असली या नकली? चेस रेटिंग हासिल करने के बाद लगा बड़ा आरोप

मध्य प्रदेश के सागर के रहने वाले सर्वज्ञ सिंह कुशवाहा सिर्फ 3 साल की उम्र में शतरंज की दुनिया में खलबली मचा चुके हैं. सर्वज्ञ ने वो कर दिखाया है जिसके अच्छे-अच्छे खिलाड़ी ख्वाब देखते हैं. वह हाल ही में दुनिया के सबसे कम उम्र के रेटेड चेस प्लेयर बने हैं. उन्हें 3 साल, 7 महीने और 20 दिन की उम्र में ये कारनामा किया है. उन्होंने कोलकाता के अनीष सरकार का रिकॉर्ड तोड़कर यह उपलब्धि हासिल की. उनकी रैपिड रेटिंग 1572 है, लेकिन इस वर्ल्ड रिकॉर्ड के कुछ दिन बाद ही उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं.

गलत तरीके से जिताए गए मैच?

3 साल के सर्वज्ञ सिंह पर अब विवाद के बादल मंडरा रहे हैं. दरअसल, सर्वज्ञ सिंह की रेटिंग को लेकर FIDE में शिकायत दर्ज कराई गई है. आरोप है कि उनकी आधिकारिक रेटिंग हासिल करने में कोचों की ओर से अनुचित तरीके अपनाए गए, जिसमें फेयर प्ले नियमों का उल्लंघन शामिल है. यह शिकायत तब सामने आई जब महज एक सप्ताह पहले सर्वज्ञ सिंह ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं थीं, जब वह इतनी कम उम्र में FIDE रेटिंग हासिल करने वाले सबसे छोटे खिलाड़ी बन गए थे.

सर्वज्ञ सिंह कुशवाहा ने हाल ही में खंडवा, इंदौर, छिंदवाड़ा और मंगलुरु में आयोजित टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया. इनमें उन्होंने कई बड़े और रेटिंग वाले खिलाड़ियों को हराकर सबको चौंका दिया. खासतौर पर, उन्होंने 1542 रेटिंग वाले अभिजीत अवस्थी, 1559 रेटिंग वाले शुभम चौरसिया और 1696 रेटिंग वाले योगेश नामदेव जैसे दिग्गजों को मात दी. जिसके चलते उन्होंने रेटिंग हासिल की. लेकिन अब ये उपलब्धियां सवालों के घेरे में हैं, क्योंकि शिकायत में दावा किया गया है कि ये तीनों खिलाड़ी उसी एकेडमी के कोच हैं जहां सर्वज्ञ सिंह ट्रेनिंग लेते हैं.

पिता ने आरोपों को किया खारिज

हालांकि, सर्वज्ञ के पिता सिद्धार्थ सिंह कुशवाहा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उनका मानना है कि यह स्थानीय शतरंज संघ की गुटबाजी का नतीजा है. सागर में चेस फेडरेशन दो गुटों में बंटा हुआ है, और एक गुट दूसरे को निशाना बना रहा है. सिद्धार्थ ने कहा कि उनके बेटे को राजनीतिक कारणों से बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि हारे हुए खिलाड़ी सागर के ही हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई गड़बड़ी हुई.

इस वजह से भी बड़ा बवाल

शिकायत में खास रूप से एक टूर्नामेंट का जिक्र है जहां सर्वज्ञ और योगेश नामदेव को आधिकारिक ड्रॉ के बाद मैन्युअल तरीके से जोड़ा गया, जिससे वे एक-दूसरे के खिलाफ भिड़े. साथ ही, 10 मिनट के रैपिड गेम में नामदेव के वॉशरूम जाने के दौरान टाइम खत्म होने से उनकी हार भी हो गई. शिकायतकर्ता का कहना है कि ये घटनाएं FIDE के फेयर-प्ले नियमों का साफ उल्लंघन दर्शाती हैं, और रेटिंग को हासिल करने के लिए जानबूझकर नतीजे तय किए गए हैं. हालांकि, FIDE ने शिकायत मिलने की पुष्टि नहीं की है, क्योंकि उनकी पॉलिसी के मुताबिक वह इस तरह की शिकायतों पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहते.