भारतीय क्रिकेट में सेलेक्शन का मसला हमेशा ही चर्चा और विवादों का विषय रहता है. अक्सर एक्सपर्ट्स, मीडिया और फैंस किसी भी सीरीज के लिए टीम में खिलाड़ियों के चयन के मसलों पर अपनी-अपनी राय देते हैं. ऐसा कम ही होता है कि कोई खिलाड़ी अपने चयन को लेकर सीधे सेलेक्टर्स पर ही सवाल उठा दे. मगर इन दिनों कुछ सीनियर खिलाड़ी ऐसा कर रहे हैं. मोहम्मद शमी और अजिंक्य रहाणे अपनी अनदेखी को लेकर सेलेक्टर्स को घेर चुके हैं. अब अनुभवी बल्लेबाज करुण नायर ने भी सिर्फ एक सीरीज के बाद खुद को बाहर किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है.
रणजी ट्रॉफी 2025 सीजन में अपनी पुरानी टीम कर्नाटक में लौटे करुण ने सीजन के दूसरे मैच में एक बेहतरीन शतक लगाया. गोवा के खिलाफ मैच के दूसरे दिन नायर ने 174 रन की पारी खेली और अपनी टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला. पिछले करीब 2 साल से घरेलू क्रिकेट में नायर इस तरह की कई पारियां खेल चुके थे, जिसके बाद उन्हें हाल ही में टीम इंडिया में मौका मिला था. मगर इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज में जरूरत के वक्त वो ऐसा योगदान नहीं दे सके.
इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के बाद नायर को फिर वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के लिए नहीं चुना गया, जबकि इंडिया ए में भी उनका नाम नहीं आया. ऐसे में नायर ने इस फैसले को लेकर अपनी नाराजगी और निराशा जाहिर करते हुए कहा कि वो एक सीरीज से ज्यादा के हकदार थे. गोवा के खिलाफ शतक लगाने के बाद मीडिया से बात करते हुए कर्नाटक के बल्लेबाज ने कहा, “ये काफी निराशाजनक है लेकिन मैं जानता हूं कि मुझे वहां (टीम इंडिया में) होना चाहिए था, खास तौर पर पिछले 2 सालों को देखते हुए. लोगों की अपनी राय हो सकती है लेकिन निजी तौर पर मुझे लगता है कि मैं इससे बेहतर का हकदार था.”
नायर ने कहा कि इस अनदेखी के बावजूद वो रन बनाने का अपना काम करते रहेंगे. 33 साल के इस बल्लेबाज ने जोर देकर कहा, “मैं खुद से सिर्फ यही कहता हूं कि मुझे एक से ज्यादा सीरीज मिलनी चाहिए. मैं खुद से सिर्फ यही कह सकता हूं और बाकी चीजों को अपने दिमाग में घुसने नहीं दे सकता. मैं अपने देश के लिए खेलना चाहता हूं, बस और कुछ नहीं. अगर ये नहीं होता है तो दूसरा लक्ष्य अपनी टीम के लिए ज्यादा से ज्यादा मैच जीतने हैं.”
अगर नायर के इंग्लैंड दौरे की बात करें तो उनके लिए ये सीरीज अच्छी नहीं रही थी. 2017 में अपनी पिछली टेस्ट सीरीज खेलने के 8 साल बाद नायर की भारतीय टीम में वापसी हुई थी. मगर वो इस सीरीज में कुछ खास नहीं कर सके. उन्होंने 4 टेस्ट मैच खेले लेकिन सिर्फ एक अर्धशतक लगा सके और 205 रन ही बनाए. ये तब था, जबकि उसी सीरीज में शुभमन गिल ने 754 रन बनाए, जबकि केएल राहुल और यहां तक कि रवींद्र जडेजा ने भी 500 से ज्यादा रन बनाए थे. मौजूदा हालात देखकर कहना मुश्किल है कि उन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी मौका मिलेगा.