बांग्लादेश के खिलाड़ियों की गाड़ियों पर हमला, अपने ही बने जान के दुश्मन

बांग्लादेश की टीम ने हाल ही में अफगानिस्तान के खिलाफ UAE में टी20 और वनडे सीरीज खेली. टी20 सीरीज में बांग्लादेश ने दमकार प्रदर्शन किया और 3-0 से बाजी मारी. लेकिन वनडे सीरीज में उसे क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा. ऐसे में स्वदेश लौटने पर बांग्लादेशी खिलाड़ियों को फैंस के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. एयरपोर्ट पर पहुंचते ही खिलाड़ियों के सामने जमकर हूटिंग हुआ और ताने सहने पड़े. लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ उसने हर किसी को चौंका कर रख दिया.

बांग्लादेश के खिलाड़ियों पर हमला

इस वनडे सीरीज में बांग्लादेश का प्रदर्शन कुछ ज्यादा ही खराब रहा. पहले मैच में उसे 5 विकेट से हार मिली. इसके बाद दूसरा मैच उसने 81 रनों से गंवाया. वहीं, तीसरे मैच में तो वह टारगेट से 200 रन दूर रह गई. टीम के इस खराब प्रदर्शन के बाद बांग्लादेशी फैंस काफी नाखुश दिखे और उन्होंने खिलाड़ियों की गाड़ियों पर हमला तक बोल दिया. बांग्लादेशी खिलाड़ी मोहम्मद नईम शेख ने सोशल मीडिया पर एक भावुक नोट लिखकर पूरी आपबीती सुनाई.

मोहम्मद नईम शेख का छलका दर्द

मोहम्मद नईम शेख ने फेसबुक पर इस घटना के बारे में बताते हुए एक पोस्ट शेयर किया और लिखा, ‘हम जो मैदान में उतरते हैं, सिर्फ खेलते नहीं हैं, हम अपने देश का नाम अपनी छाती पर रखते हैं. लाल और हरा झंडा सिर्फ हमारे शरीर पर नहीं है, यह हमारे खून में है. हर गेंद, हर रन, हर सांस के साथ, हम उस झंडे को गौरवान्वित करने का प्रयास करते हैं. हां, कभी-कभी हम सफल होते हैं, कभी-कभी नहीं. जीत आती है, हार आती है. यही खेल की सच्चाई है. हम जानते हैं कि जब हम हारते हैं, तो आपको दुख होता है, गुस्सा आता है, क्योंकि आप भी इस देश से उतना ही प्यार करते हैं जितना हम करते हैं.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘लेकिन आज जिस तरह से हम पर नफरत की बौछार की गई, हमारे वाहनों पर हमले हुए, उससे सचमुच बहुत दुख हुआ. हम इंसान हैं, हमसे गलतियां होती हैं, लेकिन हम अपने देश के लिए प्यार और प्रयास में कभी कमी नहीं करते. हर पल, हम देश के लिए, लोगों के लिए, आपके चेहरों पर मुस्कान लाने की कोशिश करते हैं. हम सपोर्ट चाहते हैं, नफरत नहीं. आलोचना तर्क से हो, क्रोध से नहीं. क्योंकि हम सब एक ही झंडे की संतान हैं. चाहे हम जीतें या हारें, लाल और हरा रंग हमेशा हम सभी के लिए गर्व का स्रोत रहे, क्रोध का नहीं. हम लड़ेंगे, और हम फिर उठ खड़े होंगे, देश के लिए, आपके लिए, इस झंडे के लिए.’