टीम इंडिया के मैच के दौरान स्टेडियम में मारे गए थे 9 लोग, लेकिन चलता रहा मुकाबला

25 नवंबर 1995…ये एक ऐसी तारीख है जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में किसी काले दिन से कम नहीं. आज ही के दिन 30 साल पहले नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन मैदान पर एक ऐसा हादसा हुआ था जिसने सभी को अंदर तक झकझोर कर रख दिया था. क्रिकेट के दीवानों के लिए इस दिन भारत और न्यूजीलैंड के बीच पांच मैचों की वनडे सीरीज का निर्णायक मुकाबला था. सीरीज 2-2 से बराबर थी और दोनों टीमें जीत की तलाश में थीं, लेकिन लंच ब्रेक के दौरान जो कुछ हुआ, उसने पूरे मैच को एक त्रासदी में बदल दिया.

ढह गई थी दीवार, मारे गए 9 लोग

नागपुर वनडे से ठीक पहले स्टेडियम में एक नई स्टैंड एक्सटेंशन बनाई गई थी. य दीवार दर्शकों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए बनाई गई थी. लंच ब्रेक के दौरान जब हजारों दर्शक खाना खाने और आराम करने के लिए इधर-उधर थे, तभी अचानक य नई दीवार ढह गई. दीवार के गिरने से 9 लोग मारे गए और 70 से ज्यादा लोग गंभीर तौर पर घायल हो गए. कुछ युवा दर्शक 70 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरकर मारे गए. मलबे के नीचे दबे लोगों की चीखें पूरे स्टेडियम में गूंज रही थीं, लेकिन हैरानी की बात ये है कि मैदान के अंदर खिलाड़ी इस भयानक घटना से अनजान थे.

खिलाड़ियों को छिपाई गई सच्चाई

भारत और न्यूजीलैंड का ये मैच इस हादसे के बावजूद चलता रहा. आयोजकों को डर था कि इस हादसे की जानकारी दी गई तो मैच रद्द हो जाएगा और स्टेडियम में मौजूद 30 हजार से ज्यादा लोग हंगामा कर देंगे. इसलिए आयोजकों ने फैसला किया कि खिलाड़ियों को कुछ नहीं बताया जाएगा. मैच चलता रहा और अंत में न्यूजीलैंड ने ये मैच 66 रनों से जीत लिया और भारत 2-3 से वनडे सीरीज हार गया. इस मैच में सचिन तेंदुलकर, अजय जडेजा, विनोद कांबली, अनिल कुंबले जैसे दिग्गज खेल रहे थे. बता दें इस हादसे की जांच में खुलासा हुआ था कि दीवार की नींव कमजोर थी और निर्माण कार्य में घटिया सामान का इस्तेमाल हुआ था. सुरक्षा मानकों का भी उल्लंघन किया गया था. इस त्रासदी ने भारतीय क्रिकेट में सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े किए. इसके बाद स्टेडियमों में निर्माण कार्यों की निगरानी बढ़ाई गई और दर्शकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाने लगी.