खिलाड़ी को लगी चोट तो मिलेगा रिप्लेसमेंट, इस क्रिकेट टूर्नामेंट में आया ये क्रांतिकारी नियम

भारत और इंग्लैंड के बीच जुलाई 2025 में खेले गए मैनचेस्टर टेस्ट मैच के दौरान विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत चोटिल हो गए थे. टीम इंडिया के इस स्टार को मैच के पहले ही दिन पंत के दाएं पैर में गेंद लग गई थी, जिसके चलते वो चोटिल हो गए थे और उन्हें मैदान छोड़कर जाना पड़ा. तब इस बात पर काफी चर्चा हुई थी कि क्या क्रिकेट में भी मैच में भी फुटबॉल की तरह सब्स्टीट्यूशन का नियम शुरू करना चाहिए, ताकि चोटिल खिलाड़ियों को रिप्लेस किया जा सके. अब जल्द ही ऐसा होता हुआ दिखेगा क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में चोट से जुड़े नियमों का ट्रायल शुरू होने जा रहा है.

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) अपने घरेलू फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड के नए सीजन में इंजरी सब्स्टीट्यूट नियम की शुरुआत करने जा रहा है. 4 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया के 6 टीम वाले टूर्नामेंट की शुरुआत होगी और इसके साथ ही इस नए नियम का ट्रायल किया जाएगा. ये नया नियम पहले से मौजूद कनकशन सब्स्टीट्यूट नियम से अलग होगा, जिसके तहत सिर में चोट लगने पर खिलाड़ी को बदलने का प्रावधान है.

शुरुआती 2 दिन चोटिल होने पर मिलेगा मौका

CA के इन नए नियमों के तहत किसी भी मैच के दौरान शुरुआती 2 दिनों में चोटिल होने वाले खिलाड़ी को ही बदलने की इजाजत टीम को मिलेगी. इसमें चोट को लेकर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं है और हर तरह की चोट को इसमें शामिल किया गया है. सिर्फ चोट ही नहीं, बल्कि किसी खिलाड़ी के बीमार पड़ने पर भी उसे रिप्लेस किया जा सकता है.

हालांकि, ये सब सिर्फ दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक ही लागू होगा. तीसरे और चौथे दिन चोटिल होने वाले खिलाड़ियों को रिप्लेस करने की इजाजत नहीं मिलेगी. वहीं चोट के कारण रिप्लेस किया जाने वाला खिलाड़ी अगले 12 दिन तक क्रिकेट मैदान से दूर रहेगा.

दूसरी टीम भी कर सकेगी रिप्लेस

नियम में ये साफ किया गया है कि चोटिल खिलाड़ी के बदले उसी तरह के खिलाड़ी को ही टीम में शामिल किया जा सकेगा. यानि एक बल्लेबाज के बदले सिर्फ बल्लेबाज को और तेज गेंदबाज के बदले सिर्फ तेज गेंदबाज को ही चुना जा सकेगा. इतना ही नहीं, इस नियम में सबसे खास बात विरोधी टीम को मिलने वाला मौका भी है.

इसके मुताबिक, अगर कोई टीम किसी चोटिल खिलाड़ी को रिप्लेस करती है तो दूसरी टीम भी बदले में ‘टैक्टिकल सब्स्टीट्यूशन’ कर सकती है. यानि दूसरी टीम को भी एक खिलाड़ी बदलने की छूट मिलेगी लेकिन इसमें एक बड़ा पेंच ये है कि जिस रोल वाला खिलाड़ी चोटिल हुआ हो, दूसरी टीम भी उसी तरह के खिलाड़ी को ही बदल सकेगी.