Womens World Cup 2025: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप के फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. जिन बेटियों ने भारत को वर्ल्ड कप जिताया वो बेहद ही खास हैं लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर खिलाड़ियों ने गरीबी से लड़कर टीम इंडिया तक का सफर तय किया है. आइए आपको बताते हैं भारत की वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ियों के पिता क्या काम करते थे और कैसे आज उनकी मेहनत, त्याग और तपस्या के दम पर भारत आज वर्ल्ड चैंपियन बना है.
क्लर्क की बेटी ने जिताया वर्ल्ड कप
भारतीय महिला टीम को पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वालीं कप्तान हरमनप्रीत कौर के पिता का नाम हरमिंदर सिंह भुल्लर है. वो कोर्ट में क्लर्क थे. दिलचस्प बात ये है कि हरमनप्रीत के पिता क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन नौकरी और खराब आर्थिक स्थिति की वजह से वो अपना पैशन फॉलो नहीं कर पाए. हालांकि उन्होंने अपनी बेटी हरमनप्रीत को क्रिकेट के मैदान में उतारा और आज देखिए उनकी बेटी ने भारत को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया है.
चैंपियन बेटियों का संघर्ष
कारपेंटर की बेटी बनी वर्ल्ड चैंपियन
भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में ऑलराउंडर अमनजोत कौर का भी अहम रोल रहा. फाइनल में उन्होंने साउथ अफ्रीकी कप्तान लॉरा वुलवार्ट का कैच लपक मैच को भारत की ओर मोड़ा और अंत में टीम को जीत मिली. अमनजोत के पिता कारपेंटर हैं. अपनी बेटी को उन्होंने शुरू से क्रिकेट के लिए सपोर्ट किया. अमनजोत को जब मोहाली की गलियों में लड़कों ने खेलने से रोका तो भूपिंदर सिंह ने ही उनके लिए बैट बनाया. यही नहीं 15 साल की उम्र तक वो अमनजोत को स्कूटर पर मोहाली से चंडीगढ़ तक क्रिकेट एकेडमी ले जाते थे. जब अमनजोत 18 की हो गईं तब उन्हें स्कूटी भी गिफ्ट दी ताकि वो खुद ट्रेनिंग करने जाएं.
दूध-सब्जी वाले की बेटी ने दिखाया दम
महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में एक ऐसे शख्स की बेटी को भी खेलने का मौका मिला जो मुंबई में दूध और सब्जी की दुकान चलाता है. बात हो रही है ओमप्रकाश यादव की जो मुंबई के कांदिवली वेस्ट में सब्जी का ठेला लगाते हैं. तमाम समस्याओं के बावजूद उन्होंने अपनी बेटी राधा यादव के सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बता दें राधा को बचपन में लड़कों के साथ खेलने का शौक था, लेकिन बैट न होने पर पिता ने लकड़ी से घर का बैट बनवाया. आज देखिए उनकी बेटी कैसे अर्श पर पहुंच चुकी हैं.
वर्ल्ड चैंपियंस का संघर्ष
ये खिलाड़ी भी हैं मामूली घर से
उमा छेत्री के पिता किसान हैं. वहीं दीप्ति शर्मा के पिता कानपुर में बिजनेसमैन हैं. शेफाली वर्मा के पिता ज्वेलर और सेमीफाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया पर ऐतिहासिक जीत दिलाने वाली जेमिमा रॉड्रिग्स के पिता क्रिकेट कोच हैं. भले ही ये क्रिकेटर मामूली घर से आई हों लेकिन आज ये सभी खिलाड़ी गैरमामूली हैं. आज पूरा हिंदुस्तान उनके सजदे में झुका है.