टेस्ट क्रिकेट के बाद वनडे इंटरनेशनल में भी भारतीय टीम की कप्तानी में बदलाव हो गया है और जिम्मेदारी शुभमन गिल के युवा कंधों पर आ गई है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने शनिवार 4 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए वनडे और टी20 टीम का ऐलान किया. इस दौरान ODI टीम के नेतृत्व में बदलाव पर भी मुहर लगी और रोहित शर्मा की जगह गिल को इस फॉर्मेट का भी नया कप्तान बनाया गया. कप्तानी मिलने के बाद गिल ने अपने इरादे भी जाहिर कर दिए कि वो इस टीम से क्या चाहते हैं. मगर गिल को ही क्यों इस रोल के लिए चुना गया?
अहमदाबाद में शनिवार को चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल को कप्तानी देने का ऐलान किया. ये ऐलान अहमदाबाद में ही खेले गए भारत-वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच खत्म होने के एक घंटे बाद हुआ. टीम इंडिया ने शुभमन गिल की कप्तानी में सिर्फ 3 दिन के अंदर ही ये टेस्ट मैच जीता. भारतीय जमीन पर बतौर टेस्ट कप्तान उनका ये पहला ही मैच था और यहां उन्हें सफलता मिल गई. ऐसे में गिल के लिए ये दिन दोगुनी खुशी वाला रहा, जहां उन्होंने मैदान के अंदर टीम को जीत दिलाई और मैदान से बाहर बोर्ड के कर्ता-धर्ताओं ने उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए चुना.
गिल ने बताया अपना ODI वाला मिशन
टीम इंडिया की कप्तानी मिलने के साथ ही शुभमन गिल ने अपने इरादे साफ कर दिए और ऐलान कर दिया कि उनकी नजरें वर्ल्ड कप 2027 पर हैं, जिसके लिए तैयारी अभी से शुरू हो जाएगी. टीम इंडिया की कप्तानी को हर खिलाड़ी का सपना बताते हुए गिल ने इसे गर्व का पल बताया. BCCI की ओर से पोस्ट एक वीडियो में गिल ने कहा, “ODI क्रिकेट में अपने देश का नेतृत्व करना सबसे बड़ा सम्मान है. एक ऐसी टीम की कप्तानी करना, जिसने इतना अच्छा प्रदर्शन किया है, ये मेरे लिए गर्व की बात है और मुझे उम्मीद है कि मैं भी अच्छा कर पाउंगा.”
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गिल ने वर्ल्ड कप का जिक्र करते हुए कहा, “वर्ल्ड कप से पहले हमें 20 वनडे मैच खेलने हैं और अंतिम लक्ष्य साउथ अफ्रीका में होने वाला वर्ल्ड कप ही है. इसलिए जितना भी हम खेलेंगे और जितने भी खिलाड़ी खेलेंगे, सबकी यही कोशिश होगी कि वो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें ताकि वर्ल्ड कप से पहले हम एक अच्छा सीजन निकाल सकें और फिर वर्ल्ड कप के लिए तैयार हो सकें. फिर जब हम साउथ अफ्रीका पहुंचे तो वो वर्ल्ड कप जीत सकें.”
गिल ही क्यों बने ODI कप्तान?
मगर सवाल ये है कि BCCI ने शुभमन गिल को ही क्यों इस रोल के लिए चुना? सेलेक्टर्स और टीम मैनेजमेंट के सामने श्रेयस अय्यर के रूप में भी एक अच्छा विकल्प था, जिन्होंने डॉमेस्टिक क्रिकेट से लेकर IPL जैसी लीग तक लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में अपनी कप्तानी का लोहा मनवाया है. साथ ही उन्हें ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए इंडिया-ए की कमान भी सौंपी गई थी. ऐसे में वो भी एक अच्छे दावेदार थे. मगर फिर भी गिल को ही क्यों एक और फॉर्मेट में जिम्मेदारी मिली?
अजीत अगरकर ने इसके बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया और कहा कि तीनों फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान को रखना सही नहीं था. उन्होंने कहा कि इससे सेलेक्टर्स और हेड कोच के लिए भी अलग-अलग कप्तान के साथ तालमेल बैठा पाना आसान नहीं होता. इसलिए गिल को ही इस फॉर्मेट में भी चुना गया. साथ ही उन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में अपनी कप्तानी से प्रभावित भी किया था.