शुभमन गिल को अचानक क्या हुआ? लगातार 9 मैच में नाकाम हुए भारतीय कप्तान

शुभमन गिल भारतीय क्रिकेट का नया सितारा हैं, टीम इंडिया का नया चेहरा हैं. खास तौर पर पहले टेस्ट और वनडे टीम का कप्तान बनने के बाद तो वो ही सबसे अहम नाम हैं. तीनों फॉर्मेट की टीम में भी उनकी जगह बन चुकी है. ऐसे में उनका हर प्रदर्शन अब पहले से भी ज्यादा पैनी नजरों से देखा और परखा जाएगा और फिलहाल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वनडे सीरीज में उनका प्रदर्शन सवालों के घेरे में है. इस सीरीज टीम इंडिया के कप्तान गिल एक भी मैच में अपने बल्ले से कमाल नहीं कर सके, जिसके चलते उनके आलोचक निशाना साधे खड़े हैं. मगर इसकी वजह सिर्फ वनडे सीरीज ही नहीं, बल्कि छोटे फॉर्मेट में पिछले लगातार 2 महीनों में उनका निराशाजनक प्रदर्शन है.

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीन मैच की वनडे सीरीज के साथ ही शुभमन गिल की अपनी कप्तानी का आगाज हुआ. इससे कुछ ही महीने पहले गिल को टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई थी और उन्होंने इंग्लैंड दौरे पर बेहतरीन शुरुआत की थी. वहां उन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाकर टेस्ट सीरीज ड्रॉ करवाने में अहम भूमिका निभाई थी. कुछ इसी तरह के कमाल की उम्मीद गिल से ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी थी लेकिन न तो उनकी कप्तानी की शुरुआत अच्छे नतीजे के साथ हुई और न ही वो इस सीरीज में अपने बल्ले से कुछ भी खास कर सके.

ODI सीरीज में गिल का बल्ला खामोश

सिडनी में खेले गए वनडे सीरीज के आखिरी मैच में गिल की कप्तानी में भारतीय टीम को जीत हासिल हुई. ये वनडे फॉर्मेट में बतौर कप्तान गिल की पहली जीत थी. संयोग से इसी मैच में वो बैटिंग में भी अच्छी लय में दिख रहे थे लेकिन फिर वो बड़ी पारी नहीं खेल सके और सिर्फ 24 रन बनाकर आउट हो गए. इस तरह 3 मैच में उनके स्कोर 24, 9 और 10 ही रहे. यानि कुल 43 रन. जाहिर तौर पर इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में जिस तरह की बैटिंग युवा कप्तान ने की थी, उसे देखकर शायद ही किसी को यकीन होगा कि कुछ ही हफ्तों बाद उनका बल्ला चलना बंद हो जाएगा लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ऐसा ही हुआ.

लगातार 9 मैच में नहीं लगा सके अर्धशतक

हालांकि ये कहानी सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज की ही नहीं है. असल में ये सिलसिला सितंबर में हुए एशिया कप से शुरू हो गया था. टी20 फॉर्मेट में खेले गए उस टूर्नामेंट में गिल को चुने जाने पर सवाल उठ रहे थे लेकिन उन्हें न सिर्फ सेलेक्ट किया गया बल्कि उप-कप्तान भी बनाया गया और सभी मैच उन्होंने खेले. उस टूर्नामेंट के पहले मैच को छोड़ दें, तो अगले 6 मुकाबलों में वो कोई भी बड़ी पारी नहीं खेल सके. अगर इसमें वनडे सीरीज की 3 पारियां भी जोड़ दें तो लगातार 9 पारियों में गिल कुछ खास नहीं कर पाए हैं.

इस दौरान उन्होंने एशिया कप के सुपर-4 राउंड में पाकिस्तान के खिलाफ 28 गेंद में 47 रन की एक दमदार पारी खेली थी लेकिन कुल मिलाकर इन 9 पारियों में वो एक बार भी 50 का आंकड़ा नहीं छू सके हैं. कुछ महीनों पहले तक अपने रेड बॉल गेम के कारण गिल सवालों के घेरे में थे, जबकि लिमिटेड ओवर्स फॉर्मेट में वो लगातार रन बरसा रहे थे. मगर अब अचानक स्थिति पलट गई है और सफेद गेंद के सामने वो संघर्ष करते दिख रहे हैं. गिल के पास अब फॉर्म में वापसी का एक और मौका है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 5 टी20 मैच खेले जाने हैं और अगर गिल इसमें 2-3 अच्छी पारियां खेलते हैं तो टीम मैनेजमेंट और खुद उनकी टेंशन थोड़ी कम होगी.