मछली बेचकर पाला पेट, अब देश को जिताया ऐतिहासिक मेडल, भारतीय खेल इतिहास में पहली बार हुआ ये कमाल

Linthoi Chanambam Bronze Medal: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. रामधारी सिंह दिनकर की इन पंक्तियों को मणिपुर की 19 साल की खिलाड़ी Linthoi Chanambam ने सच साबित कर दिखाया है. Linthoi Chanambam ने पेरू के लीमा में चल रही जूडो जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीता है. ये मेडल ऐतिहासिक है क्योंकि भारत के इतिहास में पहली बार किसी खिलाड़ी ने जूडो जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीता है. लिंथोई चानाबम ने नेदरलैंड्स की जोनी गिलेन को हराकर ब्रॉन्ड मेडल जीता.

चानाबम को रेपेचेज के जरिए मिला ब्रॉन्ज

लिंथोई चानाबम ग्रुप डी के मैच में जापान की सो मोरिचिका से हार गई थीं. लेकिन किस्मत की बात ये रही कि मोरिचिका 63 किलो वर्ग के फाइनल में पहुंच गईं और लिंथोई चानाबम को रेपेचेज के जरिए मेडल मैच खेलने का मौका मिला. रेपेचेज राउंड में लिंथोई चानाबम ने पहले स्लोवाकिया की इलारिया को हराया और फिर ब्रॉन्ज मेडल मैच में उन्होंने जोनी गिलेन को मात दी.

लिंथोई चानाबम की कहानी है कमाल

लिंथोई चानाबम की कहानी बेहद प्रेरणादायी है. उनके पिता एक किसान हैं और वो मछली भी बेचते हैं. परिवार में पैसों की तंगी थी इसलिए अपने पिता की मदद करने के लिए लिंथोई चानाबम ने बचपन से ही उनका हाथ बंटाना शुरू कर दिया. लिंथोई चानाबम भी अपने पिता के साथ मछली बेचती थीं. लिंथोई चानाबम महज 8 साल की उम्र से ही जूडो ट्रेनिंग करने लगी थीं हालांकि वो फुटबॉल और बॉक्सिंग भी करती थीं. लेकिन 13 साल की उम्र तक उनका पूरा झुकाव जूडो की तरफ हो गया.

लिंथोई चानाबम को रिकॉर्ड तोड़ने की है आदत

साल 2021 में लिंथोई चानाबम ने महज 15-16 की उम्र में भारत को ब्रॉन्ज मेडल जिताया. इस खिलाड़ी ने एशियन जूनियर और कैडेट चैंपियनशिप में मेडल जीता.साल 2022 में इस खिलाड़ी ने वर्ल्ड जूडो कैडेट्स चैंपियनशिप में में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा. वो इस प्रतियोगिता में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं. इसके बाद उन्होंने एशियन कैडेट चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता. साल 2023 में उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साल 2023-24 के सीजन में इस खिलाड़ी को बड़ी चोट लगी थी वो काफी समय खेल से दूर रहीं लेकिन इसके बावजूद लिंथोई ने अब जोरदार वापसी करते हुए जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में देश को मेडल दिलाया है.