पाकिस्तान को हराना ‘बाएं हाथ का खेल’, 5 खिलाड़ियों के दम पर टीम इंडिया ने ऐसे जीता फाइनल

एशिया कप 2025 का नतीजा वही रहा, जिसकी उम्मीद टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही की जा रही थी. भारतीय टीम ने बिना एक भी मैच गंवाए 9वीं बार खिताब जीता और टी20 क्रिकेट में अपनी बादशाहत बरकरार रखी. फाइनल में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराया और इस टूर्नामेंट में उसके खिलाफ जीत की हैट्रिक लगाई. फाइनल की जीत तो इसलिए भी खास थी क्योंकि यहां टीम इंडिया ने बाएं हाथ के जाल में पाकिस्तान को फंसा दिया और 5 खिलाड़ियों ने ही जीत की कहानी लिख डाली.

दुबई में हुआ फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच इस एशिया कप में तीसरा मुकाबला था. शुरुआती दोनों मैच तो टीम इंडिया ने एकतरफा अंदाज में जीत लिए लेकिन फाइनल में मुकाबला रोमांचक रहा और पाकिस्तान ने कई बार भारत को दबाव में भी डाला. हालांकि इससे नतीजा नहीं बदला और जीत सूर्यकुमार यादव की कप्तानी वाली टीम इंडिया की ही हुई. मगर टीम इंडिया की इस जीत के स्टार 5 ऐसे खिलाड़ी रहे, जिन्होंने बाएं हाथ के कमाल से पाकिस्तान को ध्वस्त कर दिया.

बॉलिंग में कुलदीप-अक्षर बने आफत

इसकी शुरुआत की स्टार स्पिनर कुलदीप यादव ने. टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 17 विकेट लेने वाले कुलदीप ने इस फाइनल में 4 विकेट हासिल किए, जिसमें से 3 तो एक ही ओवर में आए. इस ओवर ने ही पाकिस्तान की कमर तोड़ दी और बड़ा स्कोर बनाने की ओर बढ़ रही टीम सिर्फ 146 रन पर ढेर हो गई. कुलदीप के साथ गेंदबाजी में बाएं हाथ के एक और स्पिनर अक्षर पटेल का भी योगदान रहा, जिन्होंने मोहम्मद हैरिस और हुसैन तलत को अपने लगातार 2 ओवर में ढेर कर दिया. अक्षर ने 26 रन देकर 2 विकेट लिए.

तिलक और शिवम ने बल्ले से बजाया बैंड

गेंदबाजों के बाद बारी बाएं हाथ के बल्लेबाजों की थी. इसमें सबसे बड़ा नाम तो अभिषेक शर्मा थे, जिन्होंने टूर्नामेंट में पहले ही तहलका मचा दिया था. मगर वो इस बार फाइनल में नहीं चल सके और 5 रन बनाकर आउट हो गए. मगर उनके बाद आए ‘लेफ्टी’ तिलक वर्मा ने टीम इंडिया को जीत दिलाकर ही दम लिया. मुश्किल में फंसी टीम को इंडिया को संभालने वाले तिलक ने 53 गेंदों में 69 रन की नाबाद पारी खेलकर टीम को जीत तक पहुंचाया और प्लेयर ऑफ द मैच बने.

इस दौरान उन्हें बाएं हाथ के ही बल्लेबाज शिवम दुबे का भी साथ मिला, जिन्होंने सिर्फ 22 गेंदों में 33 रन की विस्फोटक पारी खेलकर मैच का रुख भारत की ओर मोड़ा. वैसे शिवम ने दाएं हाथ से गेंदबाजी करते हुए भी अपना योगदान दिया और 3 ओवर के स्पैल में सिर्फ 23 रन खर्चे. इसके बाद बारी आई लेफ्ट आर्म बैटर रिंकू सिंह की, जिन्हें पूरे टूर्नामेंट में मौका नहीं मिला था लेकिन फाइनल में उन्हें चांस मिला और उसमें भी बिल्कुल आखिरी ओवर में उनकी बारी आई. टीम इंडिया को जब 3 गेंद में 2 रन की जरूरत थी, तब अपनी पहली ही गेंद खेल रहे रिंकू ने सीधे चौका जमाकर मैच को वहीं खत्म कर दिया और टीम को चैंपियन बना दिया.