‘घमंड नहीं करना चाहिए’… कुंबले को आया गुस्सा, डेल स्टेन ने भी साउथ अफ्रीकी कोच को लगाई लताड़

साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम ने भारत दौरे पर दमदार प्रदर्शन करते हुए टेस्ट सीरीज में बढ़त ले ली और खुद को सीरीज जीत के करीब पहुंचा दिया. मगर जहां खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से जमकर वाहवाही बटोरी है, वहीं टीम के कोच शुकरी कोनराड का एक बयान विवाद की जड़ बन गया है और इसके चलते उन्हें जमकर लताड़ लग रही है. गुवाहाटी में दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन साउथ अफ्रीकी कोच ने भारतीय टीम के लिए ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया, जो क्रिकेट में विवादित इतिहास से जुड़ा है. इस बयान के बाद उन्हें भारतीय दिग्गज अनिल कुंबले ने फटकार लगाई है.

गुवाहाटी टेस्ट मैच के चौथे दिन साउथ अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी 260 रन पर घोषित की और टीम इंडिया को 549 रन का लक्ष्य दिया. दिन का खेल खत्म होने के बाद जब साउथ अफ्रीकी कोच कोनराड से पूछा गया कि उन्होंने पारी घोषित करने में देरी क्यों की, तो उन्होंने जवाब में विवादित बयान दिया. कोनराड ने कहा कि वो टीम इंडिया को थकाना चाहते थे और उन्हें घुटनों के बल रेंगते हुए देखना चाहते थे. इसमें दूसरा हिस्सा सबसे अहम था, जिसके लिए उन्होंने अंग्रेजी के शब्द ‘ग्रोवेल’ (Grovel) का इस्तेमाल किया.

कोनराड का ये शब्द इस्तेमाल करना ही विवाद की असली जड़ बन गया क्योंकि इसने 49 साल पुरानी यादें ताजा कर दीं. 1976 में वेस्टइंडीज दौरे पर इंग्लैंड के कप्तान टोनी ग्रेग ने विंडीज टीम के लिए इसी शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसका मतलब होता है जमीन पर मुंह के बल लेटना या घुटनों के बल रेंग कर चलना. इस पर तब इसलिए बवाल हुआ था क्योंकि ग्रेग साउथ अफ्रीकी मूल के श्वेत क्रिकेटर थे और तब साउथ अफ्रीका पर रंगभेद के कारण बैन लगा हुआ था. साथ ही कैरेबियाई इतिहास में अश्वेत लोगों को गुलाम बनाए जाने की घटनाओं से इसे जोड़कर देखा गया था. वेस्टइंडीज ने जवाब में सीरीज 3-0 से जीती थी.

अब 49 साल बाद दोबारा इस शब्द का क्रिकेट में वापसी करना विवाद खड़ा कर गया और कोनराड को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. पांचवें दिन का खेल शुरू होने से पहले पूर्व भारतीय कोच और दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ने साउथ अफ्रीकी कोच को घमंड न कर विनम्र रहने की नसीहत दी. कुंबले ने स्टार स्पोर्ट्स के शो में कहा, “इस शब्द के साथ इतिहास जुड़ा है. 50 साल पहले इंग्लैंड के कप्तान ने वेस्टइंडीज में ऐसा कहा था और हमने देखा कि क्या हुआ. साउथ अफ्रीका ने संभवतया ये सीरीज जीत ली है लेकिन जब आप शीर्ष पर होते हो तो आपके शब्दों का चयन अहम होता है. ऐसे वक्त में विनम्रता सबसे अहम है.”

वहीं साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन भी कोच के बयान से बेहद खफा नजर आए और उन्होंने साफ कहा कि वो इसके समर्थन में नहीं हैं. इसी शो में दिग्गज पेसर ने कहा, “मैं इसके समर्थन में नहीं हूं. उनका अंदाज शायद टोनी ग्रेग जितना सख्त नहीं था. मगर ये मायने नहीं रखता. आप ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकते. ये बहुत निराशाजनक है. सॉरी शुकरी लेकिन ये बहुत निराशाजनक है.”