Team India Coach: भारतीय क्रिकेट में इस वक्त सबसे चर्चित नाम और चेहरा हैं गौतम गंभीर. पिछले एक साल से गौतम गंभीर टीम इंडिया के हेड कोच हैं और इस दौरान भारतीय टीम का प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा है. जहां भारत की झोली में इस दौरान चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जैसे लिमिटेड ओवर्स वाले बड़े खिताब आए हैं, तो वहीं टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन चढ़ाव कम और उतार भरा ज्यादा रहा है. पिछले साल न्यूजीलैंड और अब साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया को घर में ही क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा है. इसके बाद से ही गंभीर को कोच के पद से हटाने की मांग हो रही है. मगर क्या BCCI ऐसा करेगी? या फिर क्या कभी ऐसा हुआ है, जब किसी भारतीय कोच ने अपना कार्यकाल पूरा किए बिना ही छोड़ दिया?
वैसे तो इस तरह की खबरें अक्सर पाकिस्तान क्रिकेट से आती रहती हैं, जहां कोच और कप्तान ऐसे बदले जाते हैं, जैसे साल भर में मौसम बदलते हैं. मगर भारतीय क्रिकेट में ऐसा आम तौर पर नहीं होता क्योंकि यहां टीम से लेकर टीम मैनेजमेंट और यहां तक कि बोर्ड के संचालन में हमेशा ही स्थिरता देखने को मिली है. गंभीर के मामले में भी फिलहाल ऐसा ही नजर आ रहा है क्योंकि BCCI ने कह दिया है कि वो जल्दबाजी में फैसला नहीं लेती और आगे के प्लान के हिसाब से चलती है. हालांकि पिछले करीब 30 साल में 3 ऐसे कोच हुए हैं, जिन्हें बीच में ही अपना पद छोड़ना पड़ा था.
एक इंटरव्यू पड़ गया कोच पर भारी
टीम इंडिया के पू्र्व ऑलराउंडर और 1983 की वर्ल्ड कप विजेता टीम का अहम हिस्सा रहे मदन लाल को बीच में ही अपना पद छोड़ना पड़ा था. मदन लाल को 1996 में भारतीय टीम का कोच बनाया गया था. मगर 1997 में श्रीलंका दौरे पर टीम के कुछ खिलाड़ियों के प्रदर्शन की मदन लाल ने खुले आम आलोचना की थी. उन्होंने एक अखबार को इंटरव्यू देते हुए मोहम्मद अजहरुद्दीन, अजय जडेजा, अनिल कुंबले समेत कई खिलाड़ियों को निशाने पर लिया था. इसके चलते ये सभी खिलाड़ी उनसे बुरी तरह खफा हो गए थे और उनके खिलाफ ड्रेसिंग रूम में बगावत हो गई थी. इसके बाद 1997 में BCCI ने टीम की मर्जी के आगे झुकते हुए मदन लाल को हटा दिया था.
मैच फिक्सिंग के आरोपों ने छीन ली नौकरी
मदन लाल के बाद नंबर आया 1983 वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव का. भारत के महानतम ऑलराउंडर कपिल देव को 1999 में टीम इंडिया का कोच बनाया गया था लेकिन टीम का प्रदर्शन इस दौरान बेहद खराब रहा था. फिर अचानक 2000 में उन पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगने लगे. ये आरोप उनके ही पुराने टीममेट मनोज प्रभाकर ने लगाए थे, जिन्होंने दावा किया था कि कपिल ने 1994 में उन्हें एक मैच हरवाने के लिए पैसे देने की कोशिश की थी. इसके बाद फैंस और राजनीतिक दबाव में कपिल ने सितंबर 2000 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि बाद में कपिल पर ये आरोप गलत साबित हुए थे.
नहीं सुलझ पाया कप्तान से टकराव
मदन लाल जैसी ही स्थिति कई साल बाद टीम इंडिया के महान लेग स्पिनर अनिल कुंबले की हुई. कुंबले ने 2016 में टीम इंडिया के हेड कोच का पद संभाला था और इस दौरान टीम इंडिया लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रही थी. मगर चैंपियंस ट्रॉफी 2017 से ठीक पहले कोच और कप्तान विराट कोहली के बीच तनातनी की खबरें आने लगीं. यहां तक कि सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों ने सुलह की कोशिशें कीं लेकिन बात नहीं बनी. खबरें थीं कि कप्तान समेत टीम इंडिया के ज्यादातर खिलाड़ी कुंबले की सख्त और स्कूल मास्टर जैसी कोचिंग स्टाइल से खुश नहीं थे. चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में टीम इंडिया की हार के तुरंत बाद कुंबले ने इस्तीफा दे दिया था.