क्रिकेट के मैच में किसी भी तरह की गलती की सजा आम तौर पर उसी वक्त मिल जाती है. बल्लेबाज का कैच छूटा, तो उसका खामियाजा फील्डिंग टीम को भुगतना पड़ता है. अगर गेंदबाज ने नो-बॉल की तो उसे और पूरी टीम को नुकसान होता है. मगर कुछ गलतियां ऐसी होती हैं, जिसे पूरी टीम मिलकर करती है और उसकी सजा बाद में मिलती है. ऐसी ही एक सजा अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को मिली है, जिस पर ICC ने जुर्माना लगाया है. ये गलती है ‘स्लो ओवर रेट’ की, जिसके कारण अक्सर कप्तानों और कई बार पूरी टीम को सजा मिलती है और इस बार अफगानिस्तान इसका शिकार बनी है.
अफगानिस्तान पर ये कार्रवाई हुई है जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट मैच में धीमी बॉलिंग के कारण. हरारे में मेजबान जिम्बाब्वे और अफगानिस्तान के बीच एकमात्र टेस्ट मैच खेला गया था, जिसे जिम्बाब्वे ने आसानी से जीत लिया था. मगर अफगानिस्तान के लिए सिर्फ हार ही अकेला दर्द लेकर नहीं आई, बल्कि हश्ममतुल्लाह शाहिदी की कप्तानी वाली टीम को ICC की ओर से कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन के कारण सजा भी दी गई. ICC ने एक प्रेस रिलीज जारी कर इसका ऐलान किया.
ICC की प्रेस रिलीज के मुताबिक, कोड ऑफ कंडक्ट के आर्टिकल 2.22 के अनुसार मैच के दौरान स्लो ओवर रेट के कारण गलती करने वाली टीम के सभी खिलाड़ियों की हर ओवर के हिसाब से 5 पर्सेंट मैच फीस काटी जाती है. इस मैच में ऑन-फील्ड अंपायर नितिन मेनन और एड्रियन होल्डस्टॉक, थर्ड अंपायर फॉर्स्टर मुतिज्वा और फोर्थ अंपायर पर्सिवल सिजारा ने अफगानिस्तानी टीम को तय समय से 5 ओवर पीछे पाया. इस तरह अफगान टीम के हर खिलाड़ी की 25 पर्सेंट मैच फीस काटी गई. हश्मतुल्लाह शाहिदी ने अपनी टीम की इस गलती को माना और सजा स्वीकार की.