IPL 2026: संजू सैमसन और रवींद्र जडेजा के ट्रेड की खबरों ने IPL 2026 ट्रेडिंग विंडो में सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी है. लीग के नए सीजन के लिए होने वाली नीलामी से पहले राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स अपने दो सुपरस्टार खिलाड़ियों की अदला-बदली के लिए तैयार हुए हैं. हालांकि इस ट्रेड डील का अभी तक आधिकारिक ऐलान होना बाकी है लेकिन धीरे-धीरे इससे जुड़ी बातें निकलकर सामने आ रही हैं और इसमें ही एक पहलू कप्तानी का है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जडेजा ने ट्रेड के लिए सहमति देने से पहले राजस्थान के सामने कप्तानी की शर्त रखी थी और अब फ्रेंचाइजी इसके लिए तैयार होती दिख रही है.
कप्तान के रूप में होगी जडेजा की वापसी
न्यूज18 की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राजस्थान रॉयल्स भी जडेजा जैसे अनुभवी और एक नए चेहरे के रूप में नेतृत्व में परिवर्तन के लिए तैयार है. जडेजा ने इसी फ्रेंचाइजी से अपना IPL करियर शुरू किया था. असल में संजू सैमसन के राजस्थान छोड़कर जाने के कारण टीम को नए कप्तान पर फैसला लेना होगा. सैमसन पिछले करीब 4 सीजन से राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी कर रहे हैं. हालांकि पिछले सीजन में जब वो चोट के कारण कुछ मुकाबलों में नहीं खेल पाए थे या सिर्फ इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में उतर रहे थे तब रियान पराग ने ये जिम्मेदारी निभाई थी.
मगर जडेजा को अपने साथ शामिल करने के लिए बेकरार रॉयल्स ने नए कप्तान के रूप में युवा चेहरे की जगह अनुभव को तरजीह देने का मन बना लिया है. अगर ऐसा होता है तो आईपीएल में दूसरी बार जडेजा कप्तानी करते हुए दिखेंगे. हालांकि, उनका पिछला अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा था. इससे पहले 2022 में एमएस धोनी ने CSK की कप्तानी छोड़ी थी तो जडेजा को ही कप्तान बनाया गया था. मगर उनकी कप्तानी में टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था और सिर्फ 8 मैच के बाद उन्हें सीजन के बीच से ही हटा दिया गया था.
जायसवाल-पराग के लिए नहीं अच्छी खबर
अब अगर जडेजा को वाकई में कप्तान बनाया जाता है तो ये टीम के युवा खिलाड़ियों और कप्तानी के दावेदार रहे रियान पराग और यशस्वी जायसवाल को शायद ही रास आए. पिछले सीजन में जहां रियान पराग ने कुछ मुकाबलों में कप्तानी संभाली थी तो यशस्वी जायसवाल ने भी सीजन खत्म होने के बाद कुछ इंटरव्यू में कप्तानी की ख्वाहिश जाहिर की थी. अगर जडेजा को कप्तान नहीं बनाया जाता तो इन दोनों में से ही कोई ये जिम्मेदारी उठाता. हालांकि, जब तक आधिकारिक ऐलान नहीं होता, तब तक सारे विकल्प खुले हुए होंगे.