पाकिस्तान में हालिया आतंकवादी घटनाओं के बीच श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के दौरे पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है. देश में बढ़ती अस्थिरता के मद्देनजर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने मेहमान टीम को हरसंभव सुरक्षा मुहैया कराने का वादा किया है. पीसीबी के चेयरमैन मोहसिन नकवी, जो पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, उन्होंने श्रीलंकाई अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करके उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी टीम पूरी तरह सुरक्षित रहेगी.
श्रीलंकाई टीम की बढ़ाई गई सुरक्षा
दरअसल, श्रीलंका की क्रिकेट टीम इस समय पाकिस्तान के दौरे पर है. दोनों टीमों के बीच वनडे सीरीज की शुरुआत भी हो गई है. सीरीज का पहला मैच 11 नवंबर को खेला गया और मंगलवार को ही इस्लामाबाद के एक न्यायिक परिसर के बाहर हुए आत्मघाती विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए. इसी तरह उत्तरी वाना इलाके में कैडेट कॉलेज पर हुए हमले को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया, जिससे करीब 300 छात्रों की जान बचाई गई.
पाकिस्तान में ये पहला मौका नहीं है, जब आतंकवादी घटनाओं का असर क्रिकेट पर पड़ा है. तीन साल पहले न्यूजीलैंड की टीम ने भी सुरक्षा खतरों की खुफिया रिपोर्ट मिलने पर पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया था और बिना एक भी मैच खेले वापस लौट गई थी. जिसके चलते इस बार मोहसिन नकवी ने खुद स्टेडियम पहुंचकर श्रीलंकाई खिलाड़ियों और अधिकारियों से मुलाकात की और सुरक्षा के इंतजामों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा की.
2009 में श्रीलंका टीम पर हुआ था हमला
पाकिस्तान का क्रिकेट इतिहास आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित रहा है. मार्च 2009 में टीटीपी के हमलावरों ने लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के पास श्रीलंकाई टीम की बस पर गोलीबारी की थी, जिसके बाद करीब एक दशक तक कोई विदेशी टीम पाकिस्तान आने को राजी नहीं हुई थी. अब श्रीलंकाई टीम की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी सेना और रेंजर्स की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं, ताकि खिलाड़ी और अधिकारी बिना किसी चिंता के मैच खेल सकें. बता दें, श्रीलंका की टीम रावलपिंडी में तीन वनडे मैचों की सीरीज खेलने के बाद 17 से 29 नवंबर तक टी20 ट्राई सीरीज में हिस्सा लेगी, जिसमें जिम्बाब्वे तीसरी टीम होगी.